अजीतगढ़(सीकर)ज्ञान चन्द
आज जिस ढंग से राजस्थान में लड़की के बदले लड़की (आटा-साटा) देने जैसी समाज में असामाजिक कुप्रथा पनप रही है यह एक चिंता का विषय बनता जा रहा। समाज के कथित ठेकेदारों द्वारा इस तरह गलत तरीके से आटा-साटा कर समाज की मासूम लड़कियों के भविष्य से खेलना उनकी इच्छाओं का दमन करना एक असामाजिक व दण्डनीय अपराध है।
इस कुप्रथा पर अजीतगढ़ समाज सेवक व क्षेत्रीय विकास परिषद अध्यक्ष ग्यारसी लाल टेलर ने समाज के ठेकेदारों व कानून को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि समाज मे व्याप्त आटा-साटा एक सामाजिक कुप्रथा है जिस पर कानून को संज्ञान लेना चाहिए ।
टेलर ने हाल ही नागौर में हुई युवती के आत्महत्या कर अपने सुसाइट नोट में आटा-साटा के लिए समाज को दोषी ठहराया वह हमारे देश व सर्वसमाज के लिए बहुत ही दुःखद घटना है साथ ही बाल विवाह पर सख्ती से रोक लगाने पर जोर देते हुए कहा कि समाज मे जब तक इस प्रकार की असामाजिक कुप्रथाओं पर रोक नहीं लगेगी तब तक हमारी बहन- बेटियां अपना भविष्य कैसे बनाएंगी, कैसे वो अपने आशा रूपी अभिलाषित सपनों को पूरा कर पाएंगी। जहां सरकार द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारों से एक तरफ बेटियों के भविष्य को लेकर चिन्तित है वही समाज के तथाकथित ठेकेदारों द्वारा लडकियों के आटा-साटा व बाल विवाह जैसी असामाजिक प्रथाओं को तवज्जो दिया जा रहा यह कहां की प्रथा है?
अतः सरकार को बाल विवाह व आटा-साटा वाली कुप्रथा पर समय रहते संज्ञान लेते हुए इस पर अंकुश लगा कर बहन-बेटियों के भविष्य के साथ खेलने वाले असामाजिक ठेकेदारों व लोगों के प्रति शख्त कानून बना कर उन्हें दण्डित करना चाहिए तभी कहीं जाकर हमारे देश की हर बेटियां अपना सुखद व अभिलाषित भविष्य बना पाएंगी।
तहलका डॉट न्यूज