September 30, 2024

अजीतगढ़ (ज्ञान चन्द)-अजीतगढ़ थाना क्षेत्र के गाँव त्रिलोकपुरा (सिहोडी) निवासी शहीद पप्पूराम सामोता को रविवार शाम को पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी,शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग उपस्थित हुए। जैसे ही शहीद पप्पूराम की पार्थिव देह पैतृक गाँव त्रिलोकपुरा पहुँची ढाणी में कोहराम मच गया

उपस्थित हर एक व्यक्ति की आँखे नम हो गयी।शहीद की पत्नी एवँ बूढ़ी मा बार बार बेहोश हो रही थी।जब तक सूरज चाँद रहेगा,पप्पू तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय,हिन्दुस्थान जिंदाबाद आदि गगनभेदी नारो एवँ हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति में अंतिम यात्रा शहीद के घर से रवाना हुई और घर के सामने शहीद के खेतो में पप्पूराम सामोता का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।

शहीद के बड़े पुत्र लोकेंद्र सामोता ने शहीद को मुखाग्नि दी।इस अवसर सीकर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती,खण्डेला विधानसभा कांग्रेस नेता सुभाष मील, सिहोडी सरपंच सुन्दर लाल भावरिया,पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी पूर्व सदस्य ग्यारसीलाल टेलर, श्रीमाधोपुर एसडीएम लक्ष्मीकांत गुप्ता,डीवाई एसपी गिरधारीलाल शर्मा,श्रीमाधोपुर तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत,नायब तहसीलदार जयपाल सिंह शेखावत, अजीतगढ़ थाना प्रभारी प्रकाश सिंह राठौड़,अजीतगढ़ पंचायत समिति प्रधान शंकरलाल यादव,गीतांजली मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्देशक डॉक्टर मंगल यादव,आदि ने शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर अंतिम विदाई दी।

इस अवसर पर जीएसएस अध्यक्ष पूरनमल गुर्जर,पूर्व प्रधान मक्खनलाल शर्मा,सुनील यादव,श्रीमाधोपुर यूथ कांग्रेस महासचिव नरपतसिंह झाड़ली, युवा नेता भरत यादव,राजेन्द्र सामोता,राजवीर सिंह राठौड़,महिपाल निठारवाल आदि उपस्थित रहे।इससे पूर्व शहीद की पार्थिव देह रविवार दोपहर सेना के वाहन से अजीतगढ़ पुलिस थाना पहुँची जहाँ से सैकड़ों वाहनों की तिरँगा रैली के साथ देशभक्ति नारे लगाते हुए सैकड़ो युवा शहीद के पैतृक गाँव पहुँचे।गौरतबल है कि त्रिलोकपुरा निवासी सेना के जवान पप्पूराम सामोता (35) सेना के ऑपरेशन में गलवांन घाटी से आगे चकला पर तबियत बिगड़ने के बाद सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया शुक्रवार रात को उपचार के दौरान शहीद हो गए।पप्पूराम सामोता लेह लद्दाख में 4 जाट रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे,सेना के ऑपरेशन के लिए गलवान घाटी से आगे चाकला में तैनाती के दौरान 18 जून को तबियत बिगड़ जाने पर लेह लद्दाख अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां तबियत में सुधार हो गया था लेकिन शुक्रवार रात को इनकी तबियत पुनः खराब हो गयी एवँ रात 9.15 बजे पप्पूराम ने जिंदगी और मौत की जंग में आखिरी सांस ली।पप्पूराम सामोता 2005 में सेना में भर्ती हुए थे।इनके पिता का निधन कई वर्षों पूर्व ही हो गया था दो भाइयों में बड़े पप्पूराम ने पिताजी निधन के साथ ही परिवार की जिम्मेवारी अपने कंधों पर ली और 2005 में सेना में भर्ती हुए।शहीद पप्पूराम के छोटे भाई सुरेश सामोता भी सेना से एक महीने पूर्व ही सेवानिवृत्त हुए है।शहीद की शादी 2006 में सुमन देवी के साथ हुई थी,इनके दो पुत्र है बड़ा लोकेंद्र (11)और छोटा विजेंद्र (7)है और दोनों पुत्र रींगस के निजी विद्यालय में अध्ययनरत है।

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