कोरोना काल मे मिसाल कायम करती जयपुर की अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त संस्था प्रवीणलता संस्थान फाउण्डेशन
कोरोना के चलते पिछला साल पूरे विश्व के लिये बहुत कष्टकारी और दुखदायी रहा। अभी भी कई देशों में स्थिती सामान्य नही है। भारत भी इनमे से एक है यहाँ के ज्यादातर राज्यों मे आंशिक और सम्पूर्ण लॉक डाउन लगा हुआ है। वैक्सीन आ गई है फ़िर भी कोरोना अभी गया नही है।लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे है।जिसका नतीज़ा है कोरोना की दूसरी लहर ने पुरे देश को अपने पंजे मे जकड़ लिया। कोरोना की दुसरी लहर देश में आक्सीजन की कमी की समस्या लेकर आई है | वहीं पिछला साल भुख और पलायन पर केद्रित रहा।
इस वर्ष भी पिछली साल की तरह कई सामाजिक संस्थाएं ज़रूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रही है। इन्हीं मे से एक है जयपुर की स्वयं सवी संस्था प्रवीणलता संस्थान फाउण्डेशन | संस्था की चेयरपर्सन भारती सिंह चौहान एक जुझारु,साहसी और कर्मठ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सोशल इंटरप्रेन्योर हैं |
प्रवीणलता संस्थान ने कोरोनाकाल के पहले लॉक डाउन मार्च 2020 से अभी कोरोना की दूसरी लहर तक राजस्थान प्रशासन की अनुमति लेकर कोविड गाइड लाइन की पालना करते हुए जयपुर सहित 15 जिलों के करीब 60 गाँवों और ढानियों तक (राजस्थान के बॉर्डर का आखिरी गांव मुनाबाब तक) करीब 27000 जरुरतमंद परिवारों को महीने भर का सुखा राशन उपलब्ध करवाया और यह क्रम निरंतर जारी है | राजस्थान मे फैली अपनी सशक्त टीम के सहयोग से वह इस कार्य को कर रही है।
संस्था राजस्थान के लोक कलाकार, भील,बंजारा समुदाय,लुहार,प्रवासी मज़दूर,रोज कमाकर खाने वाले दिहाडी मज़दूर ,इवेंट इंडस्ट्री से जुड़े मज़दूर और अल्प मध्यम आय वर्ग के परिवार इत्यादि को यह सुविधा उपलब्ध करवा रहा है । यह सभी समुदाय पहले लोक डाउन के समय से ही अपनी रोज़ी रोटी के लिये जुझ रहे है। यहां तक नौबत आ गई थी कि ये हमारे राज्य के विश्व प्रसिद्ध कलाकार भीख मांगने को मजबूर हो गये। आज संस्था ना केवल इनके राशन पानी का इन्तेज़ाम कर रही है बल्कि उनके निजी स्वास्थ्य,चिकित्सा इत्यादि पर भी ध्यान दे रही है | इनकी संस्था कई समुदायों के लिए अल्पावधि के लिए रोज़गार भी उपलब्ध करवा रही है | जहाँ पर वह मास्क और सेनिटरी पैड बना कर अपना घर खर्च चला रही है |
प्रवीणलता संस्थान ने लोगों की परेशानियों को समझा और ज़रूरत के हिसाब से चाहे वो सूखा राशन हो, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर,आक्सी मीटर हो,पर्यावरण अनुकूल सेनिटरी पैड हो या फिर मेडिकल सप्लाईज़ हो सोशल मीडिया के माध्ययम से अपील की और कई ऑनलाइन कम्पैन चलाये जो काफी सफ़ल भी रहें।
दूसरी लहर में 25 ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर के माध्य्यम से उनकी संस्था होम आइसोलेटेड कोविड पेशेंट्स को निशुल्क डॉक्टर की प्रिस्क्रिशन पर कन्सेंट्रेटर उपलब्ध करवा रही हैं |
संस्था ने मानव के दुख दर्द को ही नही समझा बल्कि पशुओ को भी सुखा चारा उपलब्ध करवाया जिनमें 400 किलों पेडिग्री आवारा श्वानों के लिये 200 अनाज़ के कट्टे गौशाला में उपलब्ध करवाए। 35 प्रेग्नेंट वीमेन को पौस्टिक आहार उपलब्ध करवाया। 2000 चॉकलेट,200 किलो ड्राई फ्रूटस,नमकीन बिस्किटस,500 दंत मंजन 80 किलो मिल्कशेक इत्यादी निशुल्क बांटे गये
भारती ने अपनी संस्था के माध्य्यम से प्रशासन, निगम कर्मी,चिकित्सा से सम्बन्धित व्यक्ति,पुलिस,मीडिया कर्मी और सामान्य नागरिकों और अग्रिम पंक्ति के कोरोना वारियर को 5000 मास्क,फ़ेसशील्ड,हेडकैप, दस्तानें,और सेनिटाजर्स निशुल्क बांटे गये | 250 पीपीई किट पुलिस प्रशासन,आशा वर्कर चिकित्सकों और 1 सेनिटाजर्स टनल भी लगवाई गई। प्रवासी मज़दूर परिवारों को दवाई चिकित्सा के लिये करीब 125000 रुपयों की आर्थिक मदद भी दी गई।
गाँव गाँव मे जब टीम राशन बाँट रही थी तब जरुरतमंद महिलाओं और किशोरियों की माहवारी की समस्या को समझा उन्हें 15000 ओर्गेनिक पैड और 8148 रीयूजेबल पैड वितरित किये गये। राजस्थान के साथ मणिपुर राज्य मे भी रीयूजेबल 6000 पैड वितरित किये गये।