जमवारामगढ़ विधान सभा से दो बार चुनाव लड़ने वाले अजीतगढ़ निवासी समाज सेवी हनुमान धानका की अचानक तबियत बिगड़ने से उनको लाया गया हॉस्पिटल
इमरजेंसी वार्ड में कोई डॉक्टर्स नहीं मिलने पर डॉक्टर्स की तलाश में भटकते रहे परिजन
अन्त में हॉस्पिटल के अव्यवस्था व डॉक्टर्स के अभाव में मरीज की हुई मौत
हॉस्पिटल में प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश, लोगों की जुटी भीड़
ज्ञान चंद/अजीतगढ़
अजीतगढ़(सीकर) कस्बे के सामान्य चिकित्सालय बाबा नारायणदास हॉस्पिटल में रात को इमरजेंसी वार्ड में एक भी डॉक्टर नहीं मिलने के कारण अजीतगढ़ निवासी व समाज सेवक हनुमान सहाय धानका की मौत हो गई। इस घटना की सूचना मिलते ही हॉस्पिटल में ग्रामीण लोगों का जमावड़ा होने लगा। परिजनों व ग्रामीण लोगों ने हॉस्पिटल प्रशासन व डॉक्टर्स की लापरवाही बरतने को लेकर अपना रोष व्यक्त कर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
मोहल्ला अंडेसरी निवासी व आमाजिक कार्यकर्ता जन-सेवक हनुमान सहाय धानका को शुक्रवार सायंकाल में अचानक सीने में दर्द हुआ व सर चकराने लगा तो ऐसी स्थित देख परिजनों ने तुरंत उनको लेकर अजीतगढ़ के बाबा नारायणदास राजकीय सामान्य चिकित्सालय में सायंकाल लगभग सवा सात बजे लेकर पहुंचे।
लेकिन आपातकाल इकाई में किसी भी डॉक्टर्स के ना मिलने पर परिजन इधर इधर स्टॉफ को ढूढ़ने में लगे रहे ऐसे में समय ज्यादा लगने के करण तब तक मरीज हनुमान की हालत ओर बिगड़ती गई।
अंत में परिजन हॉस्पिटल के पीछे जाकर पीएमओ डॉ.ओ पी वर्मा को जाकर बुलाकर ले आए। इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर्स के ना मिलने,स्टॉफ को परिजनों द्वारा ढूढने व पीएमओ डॉ. वर्मा को लेकर आने में बहुत लंबा समय गुजरने के करण हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीज हनुमान सहाय धानक ने दम तोड़ दिया। इस मौत की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया और हनुमान की मौत की खबर सुनते ही लोग हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए जहां ग्रमीणों ने पीएमओ डॉ. वर्मा से इस गम्भीर लापरवाही के चलते हुई मौत के जानकारी मांगी तो तो डॉ. वर्मा ने कोई भी सन्तोषप्रद जवाब नहीं दिया। देर रात तक मरीज का शव आपातकालीन इकाई में ही था।शनिवार सुबह चिकित्सकों ने आवश्यक खाना पूर्ति कर शव को परिजनों को सौप दिया।
तहलका डॉट न्यूज