जयपुर (जे पी शर्मा):- राजस्थान आज बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है लोगों की सोच में फर्क है ,अगर मन में सच्ची लगन हो तो कामयाबी कदम चूमती है । इसका जीता जागता उदाहरण जयपुर उदक पापड़ गांव के खिलाड़ी आकांक्षा मेघवानी हैं ,जो अपनी लगन के बदौलत जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना चुकी है । आज आकांक्षा मेघवानी किसी के पहचान की मोहताज नहीं है । जयपुर के उदक पापड़ गांव के खिलाड़ी आकांक्षा मेघवानी के पिता दिलीप मेघवानी जो अपने बच्चों को बचपन से ही खेल के प्रति लगन देखते हुए उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाएं । जिसका नतीजा आकांक्षा ने अपना हुनर दिखा कर नेशनल कीर्तिमान स्थापित कर दिखाया । आकांक्षा ने अपने वर्ग मे दो गोल्ड मेडल के साथ ख़िताब अपने नाम किए। इसके साथ आकांक्षा ने टोटल 420 किलो वेट उठा कर 2015 का रिकॉर्ड जो 392किलो वेट का था उन्हें तोड़ कर अपने नाम कर लिया । हेक डेडलिफ़्ट में भी इन्होने एक नया किर्तिमान स्थापित किया है। जैसा की ज्ञात है 17 से 20 मार्च तक महाराजा जितेंद्र नारायण क्लब कूच बिहार में नेशनल स्ट्रैंथ एंड आईबीपी चैंपियनशिप 2021 का आयोजन हुआ था । जिसमें आकांक्षा ने अपने नाम कई कीर्तिमान स्थापित की उनके इस कामयाबी पर समाज के खेल प्रेमी सहित दादी मोहिनी देवी, चाचा दयालदास, मनोज ,भाई मनीष ,मम्मी अलका मेघवानी सहित सभी ने बधाई देते भविष्य के अग्रिम कामयाबी के लिए प्रोत्साहित किया । नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम कर कीर्तिमान स्थापित करने पर आकांक्षा ने इस कामयाबी का श्रेय अपने दादी, मम्मी ,पापा एवं चाचा व भाई को दी उन्होंने प्रेस को बताया की बचपन से लेकर आजतक हमारे परिवार ने हमे यह एहसास नहीं होने दिया कि हम बेटी है । हमारे परिवार ने हमे हर प्रकार से कोपरेट कर के आगे बढाया है । इसलिए हमे जो सम्मान प्राप्त हुआ है इसके असली हकदार हमारे परिवार है । समाज को उन्होंने एक संदेश दिया की बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है, इसलिए बेटी को भी उसी प्रकार आगे बढ़ाया जाए जिस प्रकार बेटे को आगे बढ़ाते हैं ।