बच्चों हो या बड़े सभी ने एक नारा बना रखा है, ‘त्यौहार आया, मिठाई लाया।’ यूं तो होली, दीपावली, रक्षाबंधन का नाता और बहुत सी बातों से जुड़ा हुआ है, लेकिन त्यौहारो से मिठाई का रिश्ता कुछ अधिक ही घनिष्ठ है। वास्तविकता तो यह है कि दीपावली को दीपों से कहीं अधिक मिठाइयों एवं उपहारों के तौर पर ही जाना जाता है। आज राजस्थान के जोधपुर,जयपुर उदयपुर, भिलवाड़ा,आदि सभी स्थानों पर एक से एक मिठाई वाले मौजूद है।
लेकिन इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे भीलवाड़ा में मिठाई की एक खास दुकान के बारे में…..
महालक्ष्मी मिष्ठान भंडार
ड्राई फ्रूट की सफाई एवं कटाई पर काफी हद तक दारोमदार रहता है मिठाई के बढ़िया स्वाद का। इसी प्रकार से हम जब भीलवाड़ा के बापू नगर स्थित महालक्ष्मी मिष्ठान भंडार में जाएंगे और ‘महालक्ष्मी स्वीट्स’ के अन्दर साफ-सुथरी एवं नफासत से लगी मिठाइयों को देखेंगे तो दिल में आएगा कि तुरंत मुख में रख लो। शर्मा जी का कहना है कि आजकल मिठाइयों में बड़ा कॉम्पिटीशन हो गया है, क्योंकि मिठाई की दुकान शहर के हर एक कौन है हर एक गली में मिल जाएगी। परंतु हमें न केवल उस स्टैण्डर्ड को बना कर रखना होता है, बल्कि उससे भी बढ़िया टेस्ट बनाना होता है।
वही महालक्ष्मी मिष्ठान भंडार की स्पेशल मिक्स नमकीन,मुंग मिक्स जिसका नाम लेते ही हर व्यक्ति की जुबान गीली हो जाती है, उसके नमकीनपन का एहसास हर किसी के दिलो दिमाग में कौंध जाता है. उसकी खुशबू से व्यक्ति नमकीन की तरफ आकर्षित होता है.इनकी शॉप को जितना स्थानीय लोग पसंद करते हैं उतना ही बाहर से आए पर्यटक भी करते हैं और खास बात है ये शॉप काफी पुरानी भी है। इनकी नमकीन-मिठाइयां हमेशा आपको और ज्यादा खाने के लिए उकसाती रहेंगी।
आपका अपना देशी स्वाद का वो स्थान जहां आपको ताजगी और सेहत का नया अहसास होता है.करीब 16 साल से भीलवाडा वासियो के स्वाद में निरन्तर शुद्धता व ताजगी के साथ मिठास घोलने का कार्य मिट्ठू लाल जी शर्मा एवं उनके पुत्र भंवर लाल जी और राधेश्याम जी शर्मा ने किया और आज भी उनकी बदलती पीढ़ी प्रकाश शर्मा और प्रदीप शर्मा ने इसे बखूभी संभाल रखा है.परम्परगत तरीके और देशी स्वाद का धयान रखते हुए शुद्ध दूध रबड़ी,केसर ईलायची,पिस्ता ,बादाम आदि पौस्टिक तत्वों के मिश्रण से तैयार मिठाइयां जो अपने आप में शुद्ध व स्वास्थय वर्धक है.शर्मा जी अपने मिठाइयों में दमदार टेस्ट से देश विदेश में अपनी एक विशेष पहचान बना चुके है.
आपकी राजस्थान भीलवाड़ा की यात्रा तब तक अधूरी है जब तक आप इनके स्वाद का आनद नहीं ले लेते.