सामाजिक सरोकार के काम करने में उम्र बाधा नहीं बनती. बस आपके हौसले मजबूत होने चाहिए और दिल में समाज सेवा का जज्बा. देश में ऐसे अनेक लोग मौजूद हैं, जो उम्र के 70 पड़ाव पार कर चुके हैं. कुछ ऐसे भी हैं, जो अभी 40 तक ही नहीं पहुंचे. उसके बाद भी अपना पूरा समय देश और समाज की सेवा में बिता रहे हैं.
इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे ही कुछ व्यक्तियों के बारे में आपको बता रहे हैं, जिन्होंने अपना जीवन देश की सेवा कर रहे हमारे जाबाज सैनिक और वृद्ध, के लिए समर्पित कर दिया. इनमें शामिल है 21 लोग……..
दोस्ती ग्रुप (बिजयनगर) सेवा साधना की एक मिसाल
बिजयनगर में दोस्ती ग्रुप ने एक अनूठी मिसाल पेश की है उन्होंने एक संकल्प लिया कि देश के जांबाज सैनिक अपना घर छोड़ देश की सेवा में जुटे हैं अगर हम बॉर्डर पर जाकर देश की सेवा नहीं कर पा रहे हैं तो हमें उन सैनिकों की सेवा करने का मौका कभी नहीं छोड़ना चाहिए और उन्होंने संकल्प लिया कि बिजयनगर से गुजरने वाले हर एक सैनिक को वह सम्मान देंगे.कमलेश बस्ती राम हलवाई के संचालक बताते हैं कि हम 21 लोगों ने मिलकर एक दोस्ती ग्रुप की शुरुआत की और हमारा एक ही उद्देश्य है कि यहां से जाने वाले हर एक सैनिक की हम अच्छे से सेवा कर सके और उन्हें निशुल्क भोजन करा कर उनके रहने की व्यवस्था करके अपना कर्तव्य पूरा करें यह संकल्प लेते हुए हम इस कार्य में जूटे और इसे देखते हुए देश के हर एक नागरिक में देश की सेवा करने का जज्बा पैदा कर सके.और अभी तक करीब 6 हजार सैनिको की सेवा का अवसर ले चुके है.
वही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों और भारत के गौरवपूर्ण स्वतंत्रता संघर्ष को स्मरण करने के लिए भी दोस्ती ग्रुप अनेक कार्यक्रम करते आये है.
वृद्ध व्यक्तियों की देखभाल
वही दोस्ती ग्रुप भारतीय समाज के परम्परागत मूल्यों में वृद्धजनों को सम्मान देना और देखभाल करने पर बल दिया. वृद्धजन पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा की कमी में अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं.इससे स्पष्ट है कि वृद्धावस्था एक बड़ी सामाजिक चुनौती बन गई है और वृद्धजनों की आर्थिक और स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने और वृद्धजनों की भावात्मक जरूरतों के प्रति संवेदनशील सामाजिक वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता है. इस सोच के साथ दोस्ती ग्रुप के सदस्य वृद्धआश्रम जाकर उनकी सेवा करते रहते है.
दोस्ती ग्रुप ने एक विशेष अभियान एक दीप सैनिक के नाम का भी आयोजन किया. इस दौरान शहीद सैनिकों के लिए हाथ पर दीप जलाया और जनता को जाग्रत करने के लिए शांति मार्च भी निकाल जिसे समाज में देश के रक्षक के लिए और उनकी सेवा का जज्बा पैदा हो. तो वहीं सैनिक परिवारों को हर तरहे की मदद का संकलप भी लिया.दोस्ती ग्रुप का मानना है की शहीद सैनिकों के परिवार की हम हर हाल में मदद कर सके.यही हमारा उद्श्ये है.
दोस्ती ग्रुप से जुड़े सदस्य कमलेश महावर, कैलाश शर्मा, अरविंद महावर, महेश साहू, अमित शर्मा हेमंत जैन, जितेंद्र जांगिड़, अंकित शर्मा, धर्मेंद्र तारवन, भगत सिंह चारण, यशवंत राका, दिनेश शर्मा, गोपाल माली, कैलाश शर्मा, राम प्रसाद साहू, राधेश्याम जांगिड़, रितेश शर्मा, सिद्धार्थ, बलवीर मेवाड़ा, कालू गुर्जर, अशोक इन सभी सदस्यों को तहलका डॉट न्यूज़ सलाम करता है.
तहलका.न्यूज़
बिजयनगर (अनिल सैन)