जयपुर- एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, जयपुर की ओर से वर्ल्ड कैंसर डे पर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत वर्ष 2019-2021 थीम “I Am and I Will” पर बेस्ड
ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया।
वेबीनार में “स्टेइंग पॉजीटिव विद कैंसर” विषय पर चर्चा हुई। गेस्ट स्पीकर डॉ. नितिन खुंटेटा ने विचार रखते हुए बताया कि कैंसर जैसी बीमारी से डरने के बजाय सभी को इसके प्रति जागरूक रहना चाहिए और जितनी जल्दी इसकी पहचान कर ली जाए उसका सामना करना भी उतना ही आसान हो जाता है। प्रांरभिक स्टेज में कैंसर का इलाज संभव हैं और सही समय पर इलाज मिलने पर कैंसर ठीक भी हो जाता है।
व्यक्ति को कैंसर से संबंधित किसी तरह के लक्षणों को
नजरअंदाज नहीं करना चाहिए जैसे शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ हो, पेट में असामान्य दर्द हो, खांसी के साथ खून आना, स्तन में गांठ का महसूस होना और निप्पल से द्रव का
रिसना जैसी स्थिति में तुरन्त किसी अच्छे फिजीशियन से संपर्क करना चाहिए और स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
डॉ. खूटेटा ने कैंसर के रिस्क फेक्टर्स पर प्रकाश डालते हुए
बताया कि तंबाकू का सेवन करना, एल्कोहल का सेवन करना, स्मोकिंग, मोटापा, फिजीकल एक्टिविटी नहीं करना भी प्रमुख कारणों में शामिल है और एनवायरमेंटल एक्सपोजर्स, पेस्टीसाइड्स, एयर पॉल्यूशन, मिलावटी खाना भी आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
इनमें से तंबाकू, लंग्स कैंसर के पनपने का सबसे बड़ा कारण है। डॉ. खूटेटा ने जैविक खेती से बने उत्पादों के प्रयोग करने पर जोर दिया। पेस्टीसाइड्स के निरंतर उपयोग से सब्जियों के द्वारा भी शरीर में धीमा जहर जा रहा है। स्ट्रेस लेवल बढ़ने से हयूम्न बॉडी में पी.एच. लेवल अनियंत्रित हो जाता है, जो कैंसर का कारण बनता है।