September 25, 2024

जयपुर-ग्रामीण डाक सेवकों का एक प्रतिनिधिमंडल आज भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया एवं जयपुर भाजपा सांसद राम चरण बोहरा से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुंचा। और अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा।


माली राम स्वामी सचिव ग्रामीण डाक सेवक की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया एवं सांसद रामचरण बोहरा से मुलाकात की और बताया कि डाक विभाग ग्रामीण डाक सेवकों जिनका कार्यकाल 5 वर्ष का हो चुका है से पोस्टमैन और डाक सहायक स॑र्वग हेतु हर साल विभागीय पदोन्नति परीक्षा का आयोजन करता है इस विभागीय परीक्षा का आयोजन 15 सितंबर एवं 29 सितंबर 2019 को क्रमशः ग्रामीण डाक सेवक से डाक सहायक एवं ग्रामीण डाक सेवक से पोस्टमैन स॑र्वग हेतु सभी सर्किलों (संपूर्ण भारत) में एक समान प्रश्न पत्र से किया गया। सभी सर्कल में उक्त परीक्षा परिणाम फरवरी 2020 में जारी कर बाकी के सभी चरण पूर्ण करा कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई। लेकिन राजस्थान में डाक परिमंडल ने दिनांक 3 अप्रैल 2020 को प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया जिससे सभी ग्रामीण डाक सेवक मानसिक रूप से आहत हैं।
डाक विभाग के इस आदेश को लगभग ढाई सौ ग्रामीण डाक सेवकों ने माननीय कैट में चुनौती दी माननीय कैट ने दोनों पक्षों को ध्यान से सुनते हुए दिनांक 17 दिसंबर 2020 तथा 18 दिसंबर 2020 को अभ्यार्थियों के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। जिससे सभी ग्रामीण डाक सेवकों ने राहत की सांस ली परंतु आज दिनांक 18 जनवरी 2021 तक विभाग ने माननीय कैट के फैसले का अनुपालन नहीं कराया है। जिसकी वजह से राजस्थान का हर एक ग्रामीण डाक सेवक मानसिक रूप से आहत हैं।
भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं सांसद ने ग्रामीण डाक सेवकों की व्यथा सुनकर उन्हें भरोसा दिलाया कि वह तत्काल अधिकारियों से इस बारे में बात कर आप को न्याय दिलाने का भरसक प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में सहायक महासचिव ग्रामीण डाक सेवक कर्मचारी संघ (संबंध भारतीय डाक कर्मचारी महासंघ एवं भारतीय मजदूर संघ) मालीराम स्वामी अर्जुन लाल गोरा अमरपुरा, विक्रम कुमार कोटपूतली, सीताराम पालीवाल ढोढसर गोविंदगढ़, राजेश कुमार जाट जयपुर, कृष्ण कांत शर्मा कंवरपुरा, दीप सैनी दौसा, हनुमान धाकड़ बूंदी, लालचंद बीकानेर सहित अन्य ग्रामीण डाक सेवक उपस्थित रहे।
देखने वाली बात यह है कि राजस्थान डाक परिमंडल माननीय कैट के फैसले के बाद भी डाक सेवकों की बात क्यों नहीं सुन रहा है। क्यों वह अपने अफसरों की गलती को दबाने के लिए ग्रामीण डाक सेवकों की नौकरी की बलि ले रहा है।

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