जयपुर-जयपुर में मकर सक्रांति पर वो काटा वो मारा का दौर देर शाम तक चला दिन में हवा ने कुछ देर धोखा दिया। पर पवन देव भी पतंगबाजों का हौसला नहीं तोड़ पाए।
आज मौसम लगभग साफ़ रहा पतंग बाज प्रातःकाल अंधेरे में ही अपनी-अपनी पतंग डोर लेकर छत पर पहुंच गए। और डीजे लगाकर नाचने कूदने लगे।
सायंकाल पतंगबाजी अपने परवान पर आ गई जिस और देखो आसमान में पतंगे ही पतंगे दिखाई दे रही थी। पतंगों ने सूर्य देव को भी अपने आगोश में ले लिया।
पतंगबाजी के साथ पतंगबाजो ने फीनी और दाल की पकौड़ी का आनंद लेते हुए खूब धूम मचाई। पुरुषों के साथ महिलाएं भी दिनभर छतों पर नजर आई और पुरुषों का हौसला अफजाई किया।
सुबह महिलाओं ने दान- पुण्य का कार्यक्रम आयोजित किया। और अपनी श्रद्धा अनुसार दान पुण्य किया।
पतंगबाजी का दौर समाप्त होने पर सायंकाल लालटेन की पतंगे उड़ाई गई। जिससे एक बार का ऐसा लगा जैसे आसमान में तारे जगमगा रहे हो उसके बाद आतिशबाजी का दौर चालू हो गया लोगों ने कोरोना संक्रमण के कारण दीपावली पर पटाखे नहीं छोड़े थे। उसकी कसर आज मकर सक्रांति पर पूरी कर आनंद लिया।
छोटे-छोटे बच्चे और बच्चियां भी पीछे नहीं रही उन्होंने गैस वाले गुब्बारे उड़ाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पतंगों के साथ गुब्बारे आसमान में नजर आए।