जयपुर-विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि विधायक को नोटिस देने या उसे अयोग्य घोषित करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का होता है। जब तक मैं कोई निर्णय नहीं लेता अदालत इस मामले में दखल नहीं दे सकता है।
ऐसे में हाई कोर्ट के निर्णय को लेकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी दाखिल करूंगा विधायकों को नोटिस दिया गया है। कोई फैसला नहीं लिया गया है।
स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि किसी विधायक को अयोग्य घोषित करने का अधिकार स्पीकर का है जब तक निर्णय ना हो जाए तब तक कोई इसमें दखल नहीं दे सकता है हम संसदीय लोकतंत्र के पालना कर रहे हैं उन्होंने कहा कि किसी विधायक को नोटिस देना स्पीकर का काम है हम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। अभी तो सिर्फ नोटिस भेजा है। कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सीपी जोशी ने कहा कि अगर हम कोई फैसला करते हैं तो कोर्ट रिव्यु कर सकता है हमारी अपील है कि विधानसभा के अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
सीपी जोशी ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी देंगे। क्योंकि अदालत इस प्रकार के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने कहा है कि जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं ले कोर्ट कोई डायरेक्शन नहीं देगा 1992 में संवैधानिक बेंच ने यह तय कर दी है कि दल बदल कानून पर स्पीकर ही फैसला लेगा ऐसे में स्पीकर के निर्णय लेने के बाद रिव्यू का अधिकार हाईकोर्ट के पास है।