कोरोना वायरस नामक महामारी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
उदयपुर (राजेंद्र शर्मा):- आलोक संस्थान के प्रवक्ता मनमोहन भटनागर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अपने शरीर को उपयोग में लेने की सहमति प्रदान की है.
पत्र में मनमोहन भटनागर ने लिखा है की, दुनिया में प्रतिदिन लाखों व्यक्ति इस महामारी से संक्रमित हो रहे हैं और हजारों लोग मारे जा रहे हैं. ऐसे में अगर कोरोना वायरस की दवाई के प्रयोग के लिए देश- प्रदेश के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को मानव शरीर की आवश्यकता हो, जिस पर वे दवाइयों का प्रयोग करना चाहते हैं ,तो मैं इस प्रयोग के लिए अपना शरीर देने को तैयार हूं .
इस अवसर पर भटनागर ने बताया कि उनके पिता सेना में रह चुके हैं. देशभक्ति की भावना और आलोक संस्थान के पितामह श्यामलाल कुमावत के एक वाक्य से प्रेरित होकर जिसमें उन्होंने कहा है कि “देश हमें सब कुछ देता है”तो “हमें भी देश को कुछ देना सीखना चाहिए”उन्होंने कहा कि मेरा शरीर अगर वैश्विक महामारी कोरोना के वैक्सीन टेस्ट में काम आ सके तो मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली महसूस करूंगा.
उन्होंने अपने इस निर्णय से बच्चों एवं अभिभावकों और सभी में जागरूकता का संदेश देने का प्रयास किया है कि हमें भी देश के लिए समय आने पर कुछ ना कुछ कदम उठाना चाहिए.
तहलका. न्यूज़