वायरस संक्रमण के प्राकृतिक आपदा के चलते न केवल भारत को बल्कि विश्व के अधिकांश देशों को इस समय लॉक डाउन का सामना करना पड़ रहा है. इसका प्रभाव ना केवल मनुष्यों पर अपितु असंख्य बेजुबान पशु पक्षियों पर भी पड़ा है.
यह संकट बहुत बड़ा है इसलिए इसका असर भी व्यापक हुआ है. इससे केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि अनेक जीव जंतु भी प्रभावित हुए हैं. हम सभी का कर्तव्य है कि प्राकृतिक विपदा से गिरे हुए मनुष्यों की सेवा के साथ-साथ बेजुबान पशु पक्षियों की सेवा का भी ध्यान रखें.
खातीपुरा से निगम की गाड़ी नंबर RJ24GL0202 द्वारा नन्हे गाय के बछड़ों को पकड़ कर ले जाया गया। स्थानीय नागरिक के पूछने पर कि इन्हें क्यों पकड़ा है तो निगम कर्मचारी का प्रशासनिक जवाब था, शिकायत पर पकड़ते है, नागरिक का दूसरा प्रश्न था, की जैसे आप पालतू गाय के दूध पीते बछड़ों को पकड़ कर ले जा रहे हो, कोई पालतू बकरो ,भेड़ों या मुर्गियों की शिकायत करे तो क्या उनको भी पकड़ते हो। राजनैतिक उत्तर मिला, नहीं। उन्हे नहीं पकड़ते। नागरिक का तीसरा प्रश्न था, क्यों?? ऐसा नियम है कि गाय को पकड़ते है और बाकी जानवरो को नहीं, उत्तर मिला, उनके आदेश नहीं होते।
ये सत्य है, कई स्थानीय नागरिकों ने भेड बकरियों के खिलाफ निगम के सिटिज़न पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत करवाई मगर आज दिन तक करवाई नहीं हुई। साधारणतया, गाय सनातनियों की पुजनिया है इसीलिए उसे जब चाहे गिरफ्तार कर लिया जाता है। जनता के सामने जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा या उनके ठेकेदारों द्वारा, लेकिन दर्द तो गाय को ही सहना पड़ा ना।धन्य है गौ माता।। हम इतने स्वार्थी और कमजोर हो गए कि आज आपको सुरक्षा भी नहीं दे सके।
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