September 20, 2024

अजीतगढ

बिजली के 6 माह के बिल माफ करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर माकपा, किसानसभा समेत अन्य संगठनों के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत सोमवार को अजीतगढ एईएन कार्यालय का 6 घंटे घेराव करके विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद बिजली निगम कार्मिक को ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन समाप्त किया गया।
जानकारी मुताबिक माकपा, किसान सभा, नौजवान सभा, खेत-मजदूर यूनियन, मनरेगा श्रमिक आदि संगठनों के नेतृत्व में सोमवार को कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दौर में प्रदेश के आम बिजली उपभोक्ताओं के 6 माह के बिल माफ करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन में एईएन कार्यालय सुबह 10 बजे से घेराव एवं विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। धरने को माकपा नेता औमप्रकाश यादव, खेत मजदूर यूनियन अध्यक्ष मधूदेवी, सचिव लक्ष्मी देवी, नौजवान सभा के अनिल यादव, क्षेत्रीय विकास परिषद अध्यक्ष जी.एल.टेलर,सीटू के राजेन्द्र सैनी आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना के दौरान गरीब, मजदूर के हितों के प्रति कोई चिंता नही की, मजदूर हजारों किमी पैदल चलते हुए दम तोड दियाा।

वक्ताओं ने कहा कि अजीतगढ समेत आसपास के इलाके में शराब की अवैध दुकानें चल रही है, जल्द इनको बंद नही किया तो आंदोलन किया जावेगा। इसके बाद शाम 4 बजे बिजली कार्मिक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग लिखी है कि प्रदेश के जरूरतमंदों को आगामी तीन माह तक 7500 रू. प्रतिमाह संबल राशी,कृषि बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 10 हजार रूपए की सब्सीडी पुनः शुरू की जाएं, बिजली की बढी हुई दरें वापस ली जाए, गैर आयकरदाता सभी परिवारों को तीन माह तक 7500 रूपए की सहायता राशी जारी की जावें, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशी को बढाकर 18 हजार रूपए सालाना की जावें। बेरोजगारी भत्ता का दायरा बढाया जावें, राशी को 5 हजार रूपए प्रतिमाह की जावे। घोषित भत्तियों को शीघ्र शुरू की जाएं। श्रम विभाग द्वारा सभी पंजीकृत श्रमिकों के खातों में लाॅक डाउन की अवधि तक 5 हजार रूपए प्रतिमाह सहायता राशी दी जाएं। शुभ शक्ति छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का पैसा शीघ्र डाला जाएं। मनरेगा कार्य सभी ग्राम पंचायतों में शुरू किया जावें तथा काम मांगने वाले श्रमिकों को 6 नम्बर फाॅर्म की रसीद दी जावें। वर्ष में 365 दिन काम दिया जावें। मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी 400रू./प्रतिदिन देय हो। तथा टास्क कम करके समय सुबह 11 बजे तक ही रखा जावें। गर्मी को देखते हुए गांव-ढाणियों में टैंकरों से पानी की सप्लाई शीघ्र शुरू की जाएं। वीसीआर के नाम पर सर्तकता दलों की मनमर्जी की लुट बंद की जाएं। धरने के दौरान उर्मिला, अनिता, कांता, महेन्द्र,संतोष देवी गुर्जर, ममतादेवी गुर्जर,गुड्डी देवी, फातिया, वहिदा, मंजू, सुमन, कौशल्या, नाथूलाल सैनी, कमल कुमावत, सुभाष गुर्जर, पीडी यादव, भोमाराम, कैलाश, असलम कुरैशी, हिम्मत सिंह, महावीर सिंह, विजय सिंह, सुरेश जांगिड समेत बडी संख्या में लोग मौजूद थे।

तहलका. न्यूज़- ज्ञानचंद अजीतगढ़