November 24, 2024
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गंगापुर एक तरफ जहाँ कोरोना के खिलाफ सभी अपनी-अपनी तरफ से जंग लड़ रहे हैं वहीं रायथलियास निवासी युवा नर्सिंगकर्मी अरुण दाधीच पिछले डेढ़ महीने से मायानगरी मुम्बई में कोरोना के खिलाफ अपनी सेवा दे रहा है। मुम्बई के बाबू जगजीवनराम रेलवे हॉस्पिटल में नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट पद पर कार्यरत अरुण पीपीई किट पहनकर कोरोना संक्रमितों को दवा और इंजेक्शन देने के साथ साथ बुखार आदि की जांच भी करता है। वेंटीलेटर वाले मरीजों की लगातार विशेष निगरानी रखनी पड़ती है। अरुण का कहना है कि 7 घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी करना सीमा पर लड़ने से भी कठिन काम है। ऐसा लगता है जैसे 50 डिग्री तापमान में लगातार रहना पड़ रहा है। पीपीई किट पहनने के दौरान बिना पानी पिये रहना पड़ता है। साथ ही पसीना भी इतना अधिक होता है कि दम सा घुटने लगता है। डिहाइड्रेशन का भी खतरा बना रहता है और कोरोना संक्रमित होने का खतरा तो है ही। 5 महीने से अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहे अरुण का कहना है कि दादाजी बद्री लाल दाधीच, पिता कैलाशचंद्र, अन्य परिजन, रिश्तेदार और मित्रों की शुभकामनाओं से इस बीमारी से लड़ने का हौंसला बना हुआ है। वहीं क्षेत्रवासियों और मित्रों को अपने इस सपूत पर गर्व है कि राष्ट्रसेवा में पूर्ण समर्पण के साथ लगा हुआ है।

गंगापुर ( दिनेश चौहान )