जयपुर:- बाबा हरिश्चंद्र मार्ग नवल किशोर मंदिर में संस्कार महिला मंच के द्वारा तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा आयोजित किया गया कथा के अंतिम दिन हाथोज धाम के स्वामी श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज के सानिध्य में नानी बाई का मायरा संपन्न हुआ।
महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज ने कहा कि कितना सुंदर यह फागुन मास है। इस फागुन मास में आप लोगों ने नानी बाई का मायरा सुना अगर भक्तों में दृढ़ इच्छा हो तो भगवान उसका कार्य करने के लिए स्वयं आते हैं। नानी बाई का मायरा भरने के लिए जब नरसी जी के पास कुछ भी नहीं था। उनके पास अपने प्रभु की भक्ति थी। उन्होंने भगवान को अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया था। तब गोपाल जी ने नरसी जी की मान रखते हुए।
नानी बाई का भाई बनकर नानी बाई का मायरा भरा। भगवान तो भक्ति के भूखे होते हैं नरसी जी की गाड़ी जब खराब हो गई तो भगवान ने अपने भक्त के लिए बढई का रूप धरकर नरसी जी का छकड़ा ठीक किया। पर आजकल भक्त भगवान से गाड़ी, घोड़ा, बंगला आदि मांगने जाते हैं। मेरा मानना है कि अगर भगवान को आप सब कुछ समर्पण कर दें तो भगवान आपकी हर इच्छा पूर्ण करते हैं।
व्यासपीठ पर श्री श्याम चरण जी महाराज के मुखारविंद से नानी बाई का मायरा भक्तों को सुनाया गया। सभी भक्तों ने नानी बाई के मायरे के साथ फागोउत्सव का आनंद लिया।
इस अवसर पर राधा कृष्ण की भव्य झांकी सजाई गई सभी भक्तों ने राधा कृष्ण को तिलक करके आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री बालमुकुंद आचार्य जी महाराज के द्वारा सभी भक्तों पर पुष्प वर्षा कर फूलों की होली खेली गई।
तहलका.न्यूज़