November 24, 2024
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आइसक्रीम,फलुदा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आए भी क्यों न! आखिर पंजाबी फलुदा इतनी टेस्टी जो होती है। फिर जब इतनी गर्मी हो, तो आइसक्रीम,फलुदा का मजा दोगुना हो जाता है.

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा पसंद करने वालों को हम बता रहे हैं कोटा में फलुदा की एक खास दुकान के बारे में जहां का स्वाद आपका दिन बना देगा…

आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा के चाहने वालों के लिए ये जगह खास है.1978 में दूध और केसर कुल्फी,और फलुदा के साथ शुरू होने वाली इस दुकान में आज अच्छी क्वॉलिटी की कई फ्लेवर वाली आइसक्रीम, शेक,और ख़ास फलुदा मिलता हैं.यहां की आइसक्रीम अपने फ्रेश टेस्ट के लिए जानी जाती है। खास बात यह है कि ये किफायती भी है.

शॉपिंग सेंटर गुमानपुरा रोड में आइसक्रीम-फलूदे का एक ठिकाना दूर-दूर तक मशहूर है. बड़े-से लाल कपड़े में लिपटे मटके से कुल्फियां निकाल-निकाल कर फलूदा और सिरप डाल कर “सिंदरपाल सिंह और उनके बेटे तरण सिंह” लोगो को धड़ाधड़ ठंडी-ठंडी, कूल-कूल आइसक्रीम, पंजाबी फलुदा का मजा चखा रहे है .यह दुकान इतनी मशहूर है कि यहां हर पल आइसक्रीम-फलूदा.खाने वालो की भिड़ रहती है यहाँ आकर आप केसर-पिस्ता आइसक्रीम, रॉयल फलुदा विद आइसक्रीम ,चॉकलेट टॉप, स्पेशल रबड़ी फलूदा ,मिल्क-बादाम बोतल, कोल्ड कॉफी, शेक के शौक़ीन अपना शौक पूरा कर सकते हैं.गिलास में सर्व रबड़ी-फलूदा भी है, लेकिन आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा से ही इनकी पहचान है.

कोटा में जैसे-जैसे पारा बढ़ता जा रहा है वैसे ही चिलचिलाती धूप लोगों को सताने लगी है. गर्मी के दिनों में आइसक्रीम की ठंडक लोगों को बहुत आकर्षित कर रही है. कोटा की मशहूर आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा की दुकान, “शेरे पंजाब आइसक्रीम” के मालिक “सिंदरपाल सिंह और उनके बेटे तरण सिंह” से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये कुल्फी की दुकान सन् 1978 में एक छोटी सी स्टाल लगाकर काम की शुरुवात की थी.

इनकी आइसक्रीम, पंजाबी-फलुदा की शोहरत दूर-दूर तक है. कई दशकों का अनुभव इनकी आइसक्रीम पंजाबी-फलुदा में साफ नजर आता है. कुछ खास तरह की आइसक्रीम ने यहां अपना रंग जमा रखा है.समय के साथ जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता गया, वैसे-वैसे आइसक्रीम ने भी अपने रंग बदले और समय को देखते हुए इसमें किस्में जुड़ती गईं.लकिन कवालिटी को लेकर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया. दूध से लेकर फलों तक सभी चीजों को जांचने-परखने के बाद ही उनका इस्तेमाल किया जाता है.

तरण सिंह का दावा है कि आइसक्रीम का जो टेस्ट पहले था, वही आज भी बरकरार है.वे बताते हैं कि आइसक्रीम बनाने का तरीका आज भी उन्होंने पुराने स्टाइल का ही रखा है.बारह महीने यह सिलसिला चलता रहता है.