November 23, 2024
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चाट-पकौड़ी की दुकान हो या शादी की पार्टी हर जगह आपने पाँव भाजी, तो आपने जरूर खाए होंगे. लेकिन जोधपुर में एक जगह ऐसी भी है, जहां की पाँव भाजी का स्वाद ना सिर्फ जोधपुर के लोगों बल्कि अन्य राज्यों के पर्यटकों की जुबान पर भी चढ़ा हुआ है. यहां की पावभाजी का स्वाद ही खास है, जिसका मजा लेने के लिए रोजाना दिन से ही जोधपुर शास्त्री सर्किल में ”सोमानी माहेश्वरी पावभाजी” वाले के लोगों की भीड़ जुटने लगती है.

अगर आप पाव-भाजी के शौक़ीन हैं तो शास्त्री सर्किल के पास ही स्थित ”सोमानी माहेश्वरी पावभाजी” पर ज़रूर जाएं. आप यहां शुद्ध मसाले और अमूल बटर से बनी चटपटी पाव-भाजी का आनंद ले सकते हैं. राजस्थानी मसालों से बनी चटपटी भाजी आपको ज़रूर पसंद आएगी. बेहद कम क़ीमत में मिलने वाली ये पाव-भाजी न सिर्फ़ शहर के लोगों को बल्कि पर्यटकों को भी ख़ूब पसंद आती है.

शास्त्री सर्किल के पास ही स्थित ”सोमानी माहेश्वरी पावभाजी” पर जब भी हम वहा जाते हैं तो यहां सोमानी पावभाजी वालों के पास अपने आप ठहरने और पावभाजी का स्वाद चखने का मन सभी का करता है.मक्खन की खुशबू और करारी पावभाजी कई सालों से मशहूर है. यहां ताजा सब्जियों और मसालों से बनी भाजी की खुशबू दूर तक महसूस हाेती है.आजकल पूरे शहर में पावभाजी बनती है लेकिन इनका स्वाद सबसे निराला रहता है.

सुनील जी भाजी में अपने खुद के तैयार किए मसाले इस्तेमाल करते थे. वो घर पर मसाले बनाते है.इनकी सबसे बड़ी खासियत ये हैै कि आमतौर पर हर जगए भाजी बनाने के लिए सब्जी को उबालते हैं, लेकिन ये कच्ची सब्जियों को सीधे तवे पर घर पर तैयार मसालों को मिलाकर बनाते हैं.जहां तक मसालों की बात है तो ये कुटी हुई मिर्च, पिसा हुआ धनिया और हल्दी इस्तेमाल करते हैं.अपने व्यंजनों में बढ़िया मसाले और अद्बुध स्वाद के कारण आज ”सोमानी माहेश्वरी पावभाजी” वाले जोधपुर में काफी मशहूर है.इनकी दूकान पर आपको पावभाजी के अलावा और भी काफी व्यंजन आपको खाने के लिए मिलेंगे.

सुनील सोमानी का दावा है कि पावभाजी का जो टेस्ट पहले था, वही आज भी बरकरार है.वे बताते हैं कि पावभाजी बनाने का तरीका हमारा सब से अलग है .बारह महीने यह सिलसिला चलता रहता है.साफ़-सुथरी इस दूकान पर दिन से ही पावभाजी बनना शुरु हो जाती है. जिसका सिलसिला रात तक ऐसे ही बरक़रार रहता है.आपकी जोधपुर यात्रा जब तक अधूरी है.जब तक आप यहां के स्वाद का लाभ नहीं उठा लेते.

”सोमानी माहेश्वरी पावभाजी”:- शास्त्री सर्किल, जोधपुर