भगवान् श्रीकृष्ण की कहानियाँ और उनके अनमोल विचार हम सदीयों से अपने पूर्वजो से सुनते आये है. श्रीकृष्ण का हर एक सुविचार अनमोल है, उनके कहे विचारों को अगर हम अपनी जिंदगी में उतारेंगे तो हमारे जीवन में कभी भी दुःख और अशांति नहीं आयेंगी. हम हमेशा ख़ुशी से जीवन जी सकेंगे.
भगवान् श्रीकृष्ण के सुविचार
- शांति से भी दुखों का अंत हो जाता है और शांत चित्त मनुष्य की बुद्धि शीघ्र ही स्थिर होकर परमात्मा से युक्त हो जाती है.
- मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है.
- परिवर्तन इस संसार का नियम है, कल जो किसी और का था, आज वो तुम्हारा हैं एवं कल वो किसी और का होगा.
- हर काम का फल मिलता है-‘ इस जीवन में ना कुछ खोता है ना व्यर्थ होता है.’
- “जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता हैं.
- “आत्मा पुराने शरीर को ठीक उसी तरह छोड़ देती है, जैसे कि मनुष्य अपने पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है.
- जब तुम्हारी बुद्धि मोह रूपी दलदल को पार कर जाएगी; उस समय तुम शास्त्र से सुने गए और सुनने योग्य वस्तुओं से भी वैराग्य प्राप्त करोगे.
- केवल कर्म करना ही मनुष्य के वश में है, कर्मफल नहीं.
इसलिए तुम कर्मफल की आसक्ति में ना फसो तथा कर्म का त्याग भी ना करो.
- खाली हाथ आए और खाली हाथ वापस चले.
जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का या परसों किसी और का होगा, तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो.
- सुख – दुख, लाभ – हानि और जीत – हार की चिंता ना करके, मनुष्य को अपनी शक्ति के अनुसार कर्तव्य कर्म करना चाहिए. ऐसे भाव से कर्म करने पर मनुष्य को पाप नहीं लगता.
तहलका.न्यूज़
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