November 24, 2024
तहलका.न्यूज़

स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान राष्ट्रभक्त नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन. आज़ाद हिन्द फौज के प्रधान सेनापति के रूप में आपने देश के युवाओं में स्वाधीनता की ज्वाला प्रज्वलित की थी. आपका संघर्ष सदैव ही हमें प्रेरित करता रहेगा.

“तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” और दिल्ली चलो का नारा देने वाले सुभाष चंद्र बोस की आज पुण्यतिथि है. उनको नेता जी के नाम से भी जाना जाता है. वो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी और सबसे बड़े नेता थे. उनका जन्म 23 जनवरी 1897 और उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को हो गई थी. सुभाष चन्द्र बोस को बंगाली में शुभाष चॉन्द्रो बोशु कहा जाता था. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था.

आजादी की लड़ाई के वक्त नेताजी के विचारों ने देश भर के क्रांतिकारियों को जोश से भर दिया था. उनके विचार आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देते हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको उनके विचारों के बारे में बताने जा रहे हैं.

सुभाष चंद्र बोस के विचार

1. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा

2. याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.

3. ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.

4. एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा: सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान. जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है. अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो.

5. सफलता, हमेशा असफलता के स्‍तंभ पर खड़ी होती है.

6. मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती.

7. जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता. लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए.

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