November 24, 2024
tehelka.news

Cafe Coffee Day। शायद ही कोई हो जो इस नाम से परिचित ना हो. दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना हो, कॉफी की चुस्कियों के साथ किसी से मीटिंग करनी हो या ऑफिस के काम के बीच कुछ फुर्सत के पल बिताने हों, सीसीडी से मुफीद जगह शायद ही कोई है. उसी कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार को नेत्रावती नदी किनारे पर मिला है.

मेंगलुरु के विधायक यूटी खादर के मुताबिक, सिद्धार्थ के दोस्तों और रिश्तेदारों ने शव की शिनाख्त कर ली है. सोमवार रात उनके लापता होने के बाद 25 तैराकों समेत 200 लोग सर्च ऑपरेशन में जुटे थे. इस दौरान कोस्ट गार्ड के जहाज आईसीजीएस राजदूत और एसीवी (एच-198) की भी मदद ली गई. सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार कर्नाटक के हासन जिले में किया जाएगा.

27 जुलाई को लिखा सिद्धार्थ का एक पत्र सामने आया था, जिसमें उन्होंने इक्विटी पार्टनर और कर्जदाताओं के दबाव का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा था कि मैं बतौर व्यवसायी नाकाम रहा. पुलिस पूछताछ में ड्राइवर ने बताया था कि सिद्धार्थ उलाल शहर में स्थित पुल तक घूमने के लिए आए थे. वहां उन्होंने कार रुकवाई और पैदल ही निकल गए। मैं उनका इंतजार कर रहा था. 90 मिनट तक वापस नहीं आए तो पुलिस को सूचना दी.

CCD के साम्राज्य को खड़ा करने वाले कौन हैं वीजी सिद्धार्थ?

सिद्धार्थ ने कंपनी के कर्मचारियों और निदेशक मंडल को कथित तौर पर लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं एक उद्यमी के तौर पर विफल रहा.’ हालांकि इस बात की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है कि यह पत्र स्वयं उन्होंने लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि मैंने इसे सबकुछ दे दिया. मैं उन सभी लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के लिए माफी मांगना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया.’ सिद्धार्थ ने कहा कि उन्होंने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी लेकिन, “आज मैं हिम्मत हार रहा हूं क्योंकि मैं निजी इक्विटी साझेदारों में से एक की तरफ से शेयर वापस खरीदे जाने का और दबाव नहीं झेल सकता हूं, एक लेन-देन जो मैंने छह माह पहले एक दोस्त से बड़ी मात्रा में धनराशि उधार लेकर आंशिक तौर पर पूरा किया था.’

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