भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध एवं संपन्न संस्कृति है जिसकी मूल पहचान अनेकता में एकता है..
हमारे देश में अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, पहनावा और बोली, परंपरा-रीति-रिवाजों आदि में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी यहां सभी लोग मिलजुल कर प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं, और यही भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग बनाता है।
भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो, राज करो नीति भी अपनाई, ताकि भारतीय एकता कमजोर पड़ जाए, लेकिन विदेशी ताकतों का भारतीय एकता और अखंडता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
बाबजूद इसके सभी भारतीयों ने एकजुट होकर देश को आजाद करवाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और अपने देश को आजाद करवाने में सफल हुए, जो कि अपने आप अद्धितीय है।
और इस तरह अनेता में एकता की शक्ति का भारत देश सबसे बड़ी मिसाल है। वहीं एकता के महत्व को समझाने के लिए कई बार स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को “अनेकता में एकता” के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है.
हमारा देश भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, अनेकता में एकता ही इसकी अखंड पहचान है जो इसे विश्व के अन्य देशों से अलग बनाती है क्योंकि अन्य देशों में भारत की तरह अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग एकजुट होकर इस तरह प्रेम, भाईचारे और सद्भाव से नहीं रहते हैं.
इसलिए भारतीय संस्कृति की मिसाल विश्व भर में दी जाती है. यहां अलग-अलग धर्मों के रहने वाले लोगों के त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, बोली आदि में काफी विविधिता होने के बाबजूद भी सभी मजहब के लोग अपने-अपने तरीके से रहते हैं और अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ अपने त्योहार मनाते हैं.
भारत एक ऐसा देश है, जहां दीपावली और ईद में जितनी रौनक रहती है, उतनी ही रौनक क्रिसमस औऱ गुरु पर्व में भी देखने को मिलती है. भले ही सभी धर्मों के अपने-अपने सिद्धांत हो, लेकिन यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों का सिर्फ एक ही लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है.
अनेकता में एकता ही भारत की पहचान:
भारत में “अनेकता में एकता” इसकी मूल पहचान है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को सबसे अलग एवं समृद्ध बनाने में मद्द करती है. हमारा देश भारत अनेकता में एकता की मिसाल है क्योंकि भारत ही एक ऐसा देश है जो इस अवधारणा को बेहतरीन तरीके से साबित करता है.
सही मायने में अनेकता में एकता ही भारत की अखंड शक्ति और मजबूती है, जो भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाती है और इसकी एक अलग पहचान बनाती हैं.
भारत में कई अलग-अलग प्रांत हैं, जिसमें रहने वाले सभी लोगों की भाषा, जाति, धर्म, परंपरा, पहनावा आदि में काफी अंतर है जो कि (बंगाली, राजस्थानी, मारवाड़ी, पंजाबी, तमिलीयन, महाराष्ट्रीयन) आदि के रुपो में जाने जाते हैं, जो अपने आप को भारतीय कहते हैं और यही भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है.
भारत के लोगों की सोच, उनका आचरण, व्यवहार, चरित्र, उनके मानवीय गुण, आपसी प्रेम, संस्कार, कर्म आदि भारत की विविधता को एकता को बनाए रखने में मद्द करते हैं.
भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्म के लोग आपस में प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के साथ रहते हैं और एक-दूसरे के मजहब, धर्म, परंपरा और भाषा का आदर करते हैं, एक – दूसरे को प्यार से अपनाते हैं, यही भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, जो कि अपने आप में अद्धितीय और अनूठी है.
तहलका.न्यूज़