November 23, 2024
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देश के अलग-अलग शहरों में गजक का स्वाद और स्वरूप दोनों बदल जाते हैं, लेकिन जयपुर में करीब 61 साल पहले शुरू हुआ इनका स्वाद आज भी बरकरार है। गुलाबी नगर जयपुर से निकलकर इस जायके की महक विदेशओ में बैठे राजस्थानियों तक भी पहुंचने लगी है। सर्दियों के 4 महीने में इसकी डिमांड 10 गुना बढ़ जाती है। गुड़, मूंगफली या तिल और देशी घी में जब मखमली गजक तैयार होती है तो इसकी महक से ही खाने को मन ललचाता है।

राजस्थानी जायका की इस कड़ी में आइए आपको बताते हैं वैरायटी और अलग-अलग फ्लेवर में जयपुर के बाजार में धाक जमा चुके तिलपट्टी गजक वालो के बारे में।

Chhotu Ji Gajak Wale

पिछले 61 सालों से छोटू जी गजक वाले जयपुर में अपनी विशेष गजक से लोगों का दिल जीत रहा है। इस व्यवसाय की शुरुआत मोहन मीणा के पिताजी स्व. श्री छोटू राम जी मीणा ने की थी और आज यह दुकान मोहन मीणा और उनके बेटे जितेन्द्र के कुशल नेतृत्व में सफलतापूर्वक चल रही है। मोहन मीणा और उनके बेटे जितेन्द्र ने अपने पूर्वजों की परंपराओं को जीवित रखते हुए इसे नए आयाम भी दिए हैं।उनके नेतृत्व में, दुकान ने न केवल अपनी पुरानी ग्राहकी को बनाए रखा है, बल्कि नए ग्राहकों को भी आकर्षित किया है।

Chhotu Ji Gajak Wale ” की स्पेशल गजक के दीवाने जयपुर में हर उम्र के लोग हैं। गजक का नाम जुबान पर आते ही गजक के शौकीनों के मुंह में पानी आ जाता है। जबकि सर्दी के मौसम में तिल और गुड़ से बनी गजक का स्वाद लाजवाब होता है। लोगों के मुताबिक, सर्दी के मौसम में ठंड के अलावा खांसी जुखाम से बचने के लिए गजक का सेवन किया जाता है।

गजक खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है, इसे बनाने में भी उतनी ही मेहनत लगती है।खासतौर पर तिल की गजक में। छोटू जी गजक वाले ने बताया की तिल को जमीन पर बैठकर घंटों तक कूटा जाता है। फिर तिल और गुड़ के टुकड़ों को हल्की गर्म कढ़ाई में तब तक फेंटा जाता है, जब तक दोनों मिक्स न हो जाएं। बाद में इसके छोटे-छोटे लोए बनाकर लकड़ी के हथौड़े से कूटा जाता है। जिसके के बाद गजक को तीन फोल्ड देकर थाली में जमने के लिए देते हैं। इसके बाद इन्हें डिब्बों में पैक कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 12 से 15 घंटे तक का समय लगता है।

जैसे ही सर्दी चरम पर होती है, गजक की डिमांड बढ़ जाती है। गजक की दुकानों पर खरीदने वालों की भीड़ उमड़ती है। ताजा बनी गरमा गरम गजक के दीवाने भी बहुत हैं। लोग गरम गजक के लिए गोदाम तक पहुंच जाते हैं। जयपुर में करीब 25 से 30 बड़ी दुकानें हैं। इनमें से ही छोटू जी गजक वाले भी अपने आप में आज एक ब्रांड बन चुके हैं।

चार दिवारी बाजार की हलचल और उत्साह के बीच यह दुकान एक शांति और मिठास भरी जगह है। यहां का स्वागतपूर्ण वातावरण और मित्रवत स्टाफ आपके अनुभव को और भी यादगार बना देते हैं। जयपुर घूमने वाला हर पर्यटक जयपुर देखने के अलावा यहाँ की फेमस खाने-पीने की दुकानों पर जरूर आता है। उसी लिस्ट में छोटू जी गजक वाले जयपुर में टॉप पर आता है और एक बार जिसने छोटू जी गजक वाले की गजक खाई, वह बार-बार यहाँ आता है।