नई दिल्ली (अमर सिंह धाकड़) पूर्व विधायक रोहिणी कुमारी “करौली” ने अपने पुत्र महाराज कुमार विवश्वतपाल को साथ लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी से भेंट कर करौली सहित सम्पूर्ण पूर्वी राजस्थान के विकास और राजनैतिक परिस्थितियों पर किया गम्भीर मन्थन।
ज्ञातव्य है कि करौली जिले सहित सम्पूर्ण पूर्वी राजस्थान में चिकित्सा, शिक्षा और रोजगार के घटते हुए संसाधन यहां के विकास में सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं और जब तक इन मूलभूत सुविधाओं का सम्यक विकास नहीं होगा क्षेत्र के विकास की कल्पना थोरी कल्पना ही बनी रहेगी। जबकि भारत वर्ष के उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से जुड़ा पूर्वी राजस्थान का यह भू-भाग अपने आपमें प्राकृतिक, आध्यात्मिक विविधताओं के साथ विकास की विपुल संभावनाओं को समाहित किए हुए हैं इन सबका संरक्षण, संवर्धन और सम्यक विकास न केवल राजस्थान अपितु सम्पूर्ण भारत और विश्व स्तरीय प्राकृतिक, आध्यात्मिक और वन्य जीव प्रेमी पर्यटकों की अभिरुचि का महत्वपूर्ण केन्द्र विकसित हो सकता है। जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार का सृजन तो होगा ही साथ ही पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक, वन्यजीव और आध्यात्मिक पर्यटन को भी भारी प्रोत्साहन मिलेगा।
इस तरह की विस्तृत चर्चा करते हुए श्रीमती रोहिणी कुमारी जी करौली ने माननीय प्रधानमंत्री जी से क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक मांगपत्र सौंपा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गम्भीर रहते हुए ध्यान से सभी मांगों को पूरा सुना और आश्वस्त किया कि मैं स्वयं भी इस तरह से विकास की हर सम्भावना पर कार्य करने हेतु उत्सुक रहता हूं इसलिए मैं स्वयं भी कार्य करूंगा साथ ही इस तरह से विकास की बहु आयामी चर्चा हेतु आपको भी निरन्तर सम्पर्क में रहना होगा।
इस अवसर पर श्रीमती रोहिणी कुमारी जी ने माननीय प्रधानमंत्री जी के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए रक्षासूत्र बांधा।
रोहिणी कुमारी करौली द्वारा सौंपे गए मांग पत्र के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं
1- बृजशर्किट की स्थापना और विकास आध्यात्मिक मान्यता है कि मथुरा में भगवान मथुराधीष जी महाराज,करौली में भगवान मदनमोहन जी महाराज और जयपुर में गोविन्ददेव जी दर्शन यदि कोई एक ही दिन में कर पाते हैं तो यह दर्शन परिपूर्ण होता है अतः प्रार्थना है कि इस क्षेत्र को बृजशर्किट के रूप में यथाशीघ्र विकसित करवाने की कृपा कर धर्मप्रेमी प्रभु भक्तों की धार्मिक मान्यता को संरक्षित और पौसित कर कृतार्थ करें।
2- करौली को धार्मिक, प्राकृतिक और वन्य पर्यटन के रूप विकसित करना
महोदय करौली में प्रसिद्ध कैलादेवी जी और भगवान मदनमोहन जी महाराज के मन्दिर हैं जहां वर्षभर श्रृद्धालुओं का भारी संख्या में आवागमन रहता है जिसकी तुलना में श्रद्धालुओं के लिए मूल भूत सुविधाएं और आवागमन के संसाधनों को बढ़ाये जाने की भी अत्यधिक आवश्यकता है साथ ही करौली से लगा हुआ पांचना बांध और ऐतिहासिक रणगंवा तालाब के साथ थौड़ी ही दूरी पर कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य भी स्थित है अतः इस क्षेत्र को धार्मिक,प्राकृतिक और वन्य पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना एक ऐतिहासिक और अत्यधिक महत्वपूर्ण निर्णय साबित होगा जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्रिय जनता को पर्याप्त आय के संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे।
3- करौली में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)की स्थापना
महोदय भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत हमें चिकित्सा महाविद्यालय मिला है जो निश्चित ही महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य निर्णय है किन्तु पूर्वी राजस्थान क्षेत्र में एक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान होना समस्त पूर्वी राजस्थान क्षेत्र और मध्यप्रदेश के लगे हुए पश्चिमी क्षेत्र को बहुत ही उपयोगी होगा अतः सादर अनुरोध है कि करौली में राष्ट्रीय स्तर का अत्याधुनिक आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदान कर कृतार्थ करें।
4- करौली को अत्याधुनिक पत्थर उद्योग केन्द्र के रूप में विकसित करना
करौली-धौलपुर का इमारती पत्थर अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए है तथा क्षेत्र में असीम खनिज भण्डार हैं तथा क्षेत्र के लोगों का प्रमुख व्यवसाय भी खनिज पत्थर पर आधारित है किन्तु पत्थर उद्योग से निकलने वाली डस्ट के समुचित निस्तारण की व्यवस्था के आभाव में यह व्यापारियों और स्थानीय कृषकों के लिए समस्या बनी हुई है यदि क्षेत्र में डस्ट आधारित उद्योग की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होता है तो यह बहुत ही उपयोगी होगा ।
5-खनिज और वन्य क्षेत्र का सीमांकन करवाने के क्रम में
महोदय क्षेत्र में पत्थर का प्रचुर भण्डार होते हुए भी खनिज क्षेत्र और वन्य क्षेत्र का स्पष्ट सीमांकन भी नहीं है परिणाम स्वरूप वन्य क्षेत्र में अनधिकृत खदानों का संचालन भी बहुत अधिक होता है अतः सादर अनुरोध है कि माइनिंग क्षेत्र और वन्य क्षेत्र का स्पष्ट सीमांकन करवाया जाकर अनधिकृत खनिज व्यवसाय और अनधिकृत व्यवसाय जनित अपराध पर नियंत्रण सुनिश्चित कराने की कृपा करें।
6- करौली में सिलोकोशिस निवारण हेतु विशेष इकाई स्थापित कराने के क्रम में
महोदय क्षेत्र में खनिज और मूर्ति निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों को सिलिकोसिस बीमारी होना आम समस्या है जिसके कारण स्थानीय श्रमिकों को आजीवन संकट ग्रस्त जीवन यापन करना पड़ता है साथ ही बहुसंख्यक श्रमिकों की अल्पायु में ही अकाल मृत्यु भी हो जाती है अतः इस जटिल समस्या से निजात दिलाने हेतु सिलिकोसिस निवारणार्थ विशिष्ट केन्द्र की स्थापना कर राहत प्रदान करावे
7- करौली शहर बाईपास का निर्माण
महोदय राष्ट्रीय राजमार्ग करौली शहर के मध्य होकर गुजरता है जिसकी वजह से इस घनी आबादी क्षेत्र में दुर्घटना और ट्रैफिक जाम जैसी समस्या आम बात हो गई है अतः सादर अनुरोध है कि करौली जिला मुख्यालय को रिंगरोड और बाईपास मार्ग दिलवाकर अनुग्रहित करें।
8- करौली जिला मुख्यालय पर सैनिक स्कूल खुलवाने के क्रम में
महोदय क्षेत्र में कुल सरकारी नौकरी के अनुपात में 80प्रतिसत युवा फौज में नौकरी करते हैं क्षेत्र के लोगों में सेना की नौकरी के प्रति भारी उत्साह भी है अतः इन परिवारों एवं अन्य जनों की सुविधा और सम्मान की दृष्टि से करौली जिला मुख्यालय पर सैनिक स्कूल खुलवाने की कृपा करें।
9- धौलपुर गंगापुर रेल परियोजना को त्वरित गति से सम्पन्न कराया जाना
महोदय धौलपुर, सरमथुरा और करौली होकर गंगापुर सिटी को जौड़ने वाली रेल परियोजना दसकों पुरानी महत्वाकांक्षी रेल परियोजना है जो हमारी सरकार ने ही स्वीकृत की है का कार्य त्वरित गति से निर्माण कार्य सम्पन्न करवाकर कृतार्थ करें।
10- ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना
महोदय पूर्वी राजस्थान क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति और कृषकों को कृषि क्षेत्र में सिंचाई की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण और कल्याणकारी योजना के रुप में भारत सरकार और प्रदेश सरकारों ने सामुहिक प्रयास कर एक वरदान रुपी सौगात दी है जिसका सम्यक और त्वरित क्रियान्वयन निश्चित ही आम आदमी के जीवन परिवर्तन का कारण बनेगा।