September 19, 2024

अजमेर (मुकेश वैष्णव ) राजस्थान में गुरुवार से प्रदेश के 1 करोड़ से ज्यादा परिवारों को गेहूं मिलना बंद हो जायेगा। सभी जिलों में राशन की दुकानें बंद हो जायेगी। इसके लिए राशन डीलर्स की ओर से बनाई राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति ने इसका ऐलान किया है। दरअसल, प्रदेश के राशन डीलर्स की ओर से 1 अगस्त से आंदोलन का ऐलान किया गया। वे हर महीने मानदेय देने समेत डोर टू डोर बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को घरों तक राशन पहुंचाने वाले आदेशों को हटाने समेत कई दूसरी मांग कर रहे हैं।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया इनके अलावा भी इनकी कई मांग है। ऐसे में उनकी मांगों को अनदेखा किया गया और अब वे आंदोलन के तौर पर गुरुवार से अपनी दुकानें बंद रख इसका विरोध करेंगे।प्रदेश के अलग-अलग जिलों के राशन डीलर ने पोस मशीनें जमा करवाना शुरू कर दिया है।प्रदेश में करीब 26 हजार 800 राशन डीलर है। आंदोलन से पहले कई जिलों में डीलर अपनी पोस मशीन जिला रसद अधिकारियों को भी जमा करवा चुके है।

ऐसे में आंदोलन शुरू होने के कारण अब अगस्त में राशन बटने पर भी संकट हो सकता है। इसका प्रभाव प्रदेश के 1.07 करोड़ परिवारों पर देखने को मिलेगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अभी उन्हें 1 किलो गेहूं पर 90 पैसे कमीशन मिलता है। सरकार से वे मांग कर रहे हैं कि उन्हें हर महीने 30 हजार रुपए मानदेय दिया जाए। इसके अलावा प्रदेश के कई राशन विक्रेताओं का कमीशन करीब 5 महीने से बकाया है। इसे भी वे जल्द से जल्द ट्रांसफर करवाने की मांग कर रहे हैं।

ये है प्रमुख मांगे

राशन डीलर की ओर से हर माह 30 हजार रुपए मानदेय की मांग की जा रही है।गेंहू जो एफसीआई से आता है उसमें 2 फीसदी की छीजत आ रही है, जिसे रिकॉर्ड पर लेने की मांग की जा रही है।

बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से घरों पर राशन पहुंचाने की स्कीम शुरू की है, उसे राशन डीलर करने में असमर्थ है। क्योंकि अधिकांश राशन डीलर 60 साल की उम्र से ज्यादा और दिव्यांग है।
राशन विक्रेता का बकाया कमीशन जो लम्बे समय से अटका है उसे जल्द से जल्द से खातों में ट्रांसफर किया जाए।

प्रदेश में 4 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को इस योजना के तहत फ्री में गेहूं मिलता है।4 करोड़ 25 लाख से ज्यादा लोग जुड़े एनएफएसए लिस्ट में राज्य में अभी केन्द्र सरकार से 4 करोड़ 46 लाख यूनिट के लिए गेहूं का कोटा निर्धारित है। इस कोटे में से वर्तमान में राज्य के एक करोड़ 4 लाख से ज्यादा परिवारों के 4 करोड़ 25 लाख से ज्यादा सदस्य गेहूं ले रहे हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक परिवार के सदस्य को हर महीने 5 किलो गेहूं मिलता है। यदि किसी परिवार में 4 सदस्य है तो उसे हर महीने 20 किलो गेहूं मिलता है
इन परिवारों को हर महीने 3 से 4 तारीख के बीच राशन बंटना शुरू हो जाता है।

ऐसे में माना जा रहा है कि ये हड़ताल लंबी चली तो इस महीने मिलने वाला गेहूं लाभार्थी परिवारों को नहीं मिलेगा।