पावटा:(अजय शर्मा )
पावटा पंडित सोहनलाल शर्मा पुजारी श्री झीड़ा वाले ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति आषाढ़ पूर्णिमा को मनाया जाने वाला गुरु निष्ठा का महोत्सव गुरु पूर्णिमा इस वर्ष 21 जुलाई को मनाया जाएगा इस उत्सव को मनाने के आधार भूत दो कारण प्रसिद्ध है एक यह कि आदिगुरु भगवान शंकर ने दक्षिणमूर्ति रूप में सभी ऋषि मुनियों को ज्ञान दिया तथा द्ववितीय यह कि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था जिन्होंने इस संसार में ज्ञान ज्योति को प्रकाशित किया। उनका व्यक्तित्व व कृतित्व बहुत विशाल है। व ज्ञान के सूर्य कहे जा सकते हैं । जीवन में अनेक रूप में गुरु प्राप्त होते हैं जैसे माता,पिता, शिक्षक ,दीक्षा गुरु, कला गुरु, आदि। ऋषि दतात्रेय ने पृथ्वी, जल, अग्नि आदि महाभूतों व वृक्षों को भी अपना गुरु बनाया था। संसार सागर से तर जाने के लिए गुरु की अनिवार्यता मानस में सिद्ध की गई है
गुरु बिन भवनिधि तरई ने कोई।
जो बिरंचि संकर सम होई ।
इसी प्रकार अन्यत्र कहा गया है कि मोक्ष मूलं गुरो कृपा।
विश्वमित्र, भरद्वाज, संदीपनी,वशिष्ठ ,आचार्य शंकर ,रामानुज, रामानंद आदि के नाम गुरु शिष्य परम्परा में विशेष प्रसिद्ध है इस दिवस पर गुरु शरण में गुरुचरण की सेवा करनी चाहिए