पावटा (अजय शर्मा)
पण्डित सोहन लाल शर्मा पुजारी श्री झीडा वाले बालाजी ने बताया कि निर्जला एकादशी व्रत करने से धर्म अर्थ काम मोक्ष चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा गया है। भीम ने एकमात्र इसी एकादशी का उपवास विधिपूर्वक किया था। जिसके कारण वह मूर्छित हो गए थे। इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन बिना जल के उपवास रखने व विधि पूर्वक भगवान विष्णु व लक्ष्मी का पूजन करने एवं जल कलश का दान करने से सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है।
इस दिन भगवान विष्णु का स्मरण करें ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करने से मनुष्य को संपूर्ण पापों से मुक्ति मिलती है और इस भू लोक को भोगकर भगवान के परम लोक को प्राप्त करता है।