जयपुर:(जे.पी शर्मा) काव्यस्थली साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित काव्यस्थली काव्यसेतु में रविवार दिनांक 14-01-2024 को स्ट्रीम यार्ड पर लाइव काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। मंच का संचालन विदुषी कवयित्री रश्मि मृदुलिका द्वारा किया गया।
सर्व प्रथम रश्मि मृदुलिका ने काव्यस्थली साहित्यिक मंच को नमन करते हुए कहा कि मंच साहित्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित संस्थापिका और संचालिका डॉ सुनीता शर्मा और अध्यक्ष व संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार जे पी शर्मा के अथक प्रयासों का मूर्त रूप हैं आगे कहा कि काव्यस्थली मंच ने अन्य मंचों से बहुत अलग अपनी पहचान बनाई है यहां सब सदस्यों के मध्य परिवार के सदस्यों के समान प्रेम और समर्पण की भावना दृष्टि गोचर होती है नवांकुर और प्रतिष्ठित लेखक लेखिकाओं को यथोचित सम्मान और प्रोत्साहन दिया जाता है समय समय पर अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती इस कारण प्रतिभाशाली रचनाकारों में उत्साह बना रहता है।
मृदुभाषी रश्मि मृदुलिका ने वीणा वादिनी मां सरस्वती की स्तुति की व आमंत्रित रचनाकारों का स्वागत करते हुए विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। रश्मि ने आरम्भ से अंत तक सुंदर मुक्तक सुनाकर श्रोताओं को बांधे रखा उनके द्वारा मकर संक्रांति के पावन पर्व पर काव्यगोष्ठी का आयोजन करने के कारण विषय मकर संक्रांति’ व ‘श्री राम महिमा रखा गया विषयानुसार तीनों काव्य विभूतियों ने अपनी सुंदर रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।सर्व प्रथम कृत्यानंद झा को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने स्वरचित रचना ‘पतंग ‘ व ‘श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन’ की तर्ज पर श्री राम स्तुति गीत सुनाया तत्पश्चात स्वामी विवेकानंद जी के जीवन चरित्र पर आधारित एक सुंदर रचना सुनाकर श्रोताओं की वाहवाही बटोरी।
सुप्रसिद्ध कवयित्री राखी देब ने अपने मधुर स्वर में मकर संक्रांति व श्री राम पर सस्वर सुंदर रचना सुनाई उसके बाद उन्होंने श्री विवेकानंद जी पर जोशीले अंदाज में एक प्रेरणादायक गीत ‘ए नौजवान तूं जाग जाग ‘ सुनाकर श्रोताओं में जोश भर दिया।
सुप्रसिद्ध कवि और व्यंग्यकार अनुज प्रताप सिंह ने बहुत सुंदर और जोशीले अंदाज में भक्ति में मग्न हो कर धाराप्रवाह में श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित दो गीत सुनाकर मंच को भक्ति मय कर दिया। अनुज प्रताप सिंह के जोशिले स्वरों को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए।अंत में रश्मि मृदुलिका ने अपनी रचना ‘सुस्वागतम् सुस्वागतम् हे श्री राम’ सुनाकर आमंत्रित रचनाकारों और श्रोताओं को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया।आमंत्रित साहित्यकारों को विश्व सनातन संघ द्वारा काव्यस्थलीकाव्यरत्न उपाधि से विभूषित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामाना की।