जयपुर- ग्राम पचार स्थित माफी मंदिर रघुनाथ जी के तथाकथित पुजारी गोवर्धन उर्फ सौरव भारद्वाज उर्फ़ राघवेंद्र द्वारा पचार ग्राम वासियों के खिलाफ मंदिर माफी की 88 बीघा जमीन हड़पने के मकसद से मुकदमा दर्ज करवा दिया जिसके खिलाफ सैकड़ों ग्राम वासियों ने गोवर्धन उर्फ सौरभ भारद्वाज उर्फ़ राघवेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जयपुर जिला कलेक्टर को सरपंच ग्राम पचार कमला देवी के अगुवाई में ज्ञापन सौंपा।
ग्राम वासियों ने कलेक्टर से निवेदन किया कि उपरोक्त व्यक्ति ने 10-15 वर्षो से समस्त ग्राम पंचायत के निवासियो को परेशान कर रखा है।
किसी को भी मन्दिर मे प्रवेश नहीं करने देता है मन्दिर में अनैतिक गतिविधियों चलता है स्वयं पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की धमकी देता है।लोगों को तंत्र मंत्र के नाम से डराता है किसी का चिडिया कबूतर बनाकर उड़ानें की धमकी देता है। स्वयं को रघुनाथ धाम का पीठाधीश्वर बताता है।
तथा अपने नाम के आगे पीठाधीश्वर व श्री श्री 1008 कभी अपने आप को रामानंदी संप्रदाय का बताते हैं कभी रामानुजाचार्य संप्रदाय का बताता हैं अपने नाम के आगे तंत्र सम्राट आदि की उपाधियां लगाकर राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोगों के साथ धोखाधड़ी करके पैसे ऐंठने का का कार्य करता है। तथा मन्दिर की भूमि को खुर्द-बुर्द करना चाहता है ग्रामवासी जब इसका विरोध करते हैं तो उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा ”दर्ज करवा देता है।
जिससे सम्बन्धित सभी दस्तावेज संलग्न कर कलेक्टर महोदय को सौंपें गए है।
ग्राम वासियों ने बताया कि पहले भी कलेक्टर श्रीमत पांडे द्वारा इस भूमि के संबंध में दिया गया निर्णय भी कलेक्टर महोदय को सौंपा गया।
इसके खिलाफ कई थानों में मुकदमे दर्ज है। जिनकी एफआईआर की कुछ प्रतिलिपि कलेक्टर को सौंपी गई।
ग्राम वासियों ने कलेक्टर से निवेदन करते हुए कहा कि उपरोक्त तथाकथित पूजारी को हटाने के लिये दिनांक 15/8/2023 की ग्राम सभा ‘द्वारा लिये फैसले की प्रतिलिपि भी सौंपी गई। ग्रामवासियों ने जयपुर कलेक्टर से उपरोक्त सभी आरोपों की जाँच कर इसको मन्दिर परिसर से बाहर करने एवं इसके खिलाफ उचित कार्यवाही कर ग्राम वासियों को मंदिर में निर्भय होकर दर्शन करने व पूजा करने का अवसर प्रदान करने की मांग कर माफी मन्दिर की भूमि को तत्कालीन कलेक्टर के निर्णय अनुसार माफी मन्दिर रघुनाथ जी की भूमि को इससे मुक्त कराने की मांग की जयपुर जिला कलेक्टर ने ग्रामवासियों को आश्वासन दिया कि तहसीलदार से जांच करवाकर रिपोर्ट मंगवाई जाएगी कि अगर पूरा गांव इसको पुजारी नहीं रखना चाहता तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा।