जयपुर- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लैब टेक्नीशियन संवर्ग की बहुप्रतीक्षित मांग पदनाम परिवर्तन को मंजूरी प्रदान कर दी है। अब लैब टेक्नीशियन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, सीनियर टेक्निशियन को सीनियर मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, एवं तकनीकी सहायक को टेक्निकल ऑफीसर व वरिष्ठ तकनीकी सहायक को लैब सुपरीटेंडेंट के पद से जाना जाएगा।
कोरोना में प्रदेश के लैब टेक्नीशियन ने जांच कार्य को भारत में श्रेष्ठ रखा था। अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना मे विश्व स्तरीय भीलवाड़ा व रामगंज मॉडल लैब टेक्नीशियन के जाँच कार्य के दम पर ही स्थापित हुए।
1965 की शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक योग्यता से लैब टेक्नीशियन संवर्ग के पदनाम चले आ रहे थे, 2003 में योग्यता में संशोधन तो हुआ लेकिन पदनाम परिवर्तन नहीं हो पाया| आज केडर की शैक्षणिक और प्रशिक्षण योग्यता 12वीं साइंस डिग्री व डिप्लोमा है, जिसको देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया।
लैब टेक्नीशियन संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धन्यवाद प्रकट करते हुए बताया कि संवर्ग में पदनाम परिवर्तन से खुशी की लहर है इसके लिए मंगलवार को ड्यूटी आवर्श के बाद 2 घंटे अतिरिक्त लैब खोलकर अगर कोई मरीज आता है तो उसकी जांच कार्य को करेंगे| हम गांधीवादी मुख्यमंत्री जी का गांधीवादी तरीके से मरीज हित सर्वोपरि मानकर धन्यवाद प्रकट करेंगे।
संघ के मीडिया प्रभारी संतोष शर्मा ने बताया की पूर्व के कई पद ऐसे थे कि पदोन्नति के बाद कार्मिकों में हीन भावना जैसा प्रतीत होता था उनमे ऊर्जा का संचार नहीं हो पा पाता था।पदनाम परिवर्तन से कैडर में खुशी की लहर है।