November 24, 2024
munesh_gurjar

जयपुर : हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर के पति को एसीबी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार देर रात सस्पेंड कर दिया गया। इधर, मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर ने अपने पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर खुद को बेगुनाह बताया। उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस के एक बड़े नेता पर आरोप लगाया है। जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर मुझे फंसाने की साजिश की गई है। लेकिन मैं इससे डरने वाला नहीं हूं।

वहीं आरोपी सुशील गुर्जर को शनिवार को टीम ने एसीबी कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें 2 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके अलावा शनिवार को एसीबी की टीम ने सुशील गुर्जर और दो अन्य दलालों को आमने-सामने बिठाकर काफी देर तक पूछताछ भी की।

मेयर के पति सुशील गुर्जर ने एसीबी की कार्रवाई को अपने खिलाफ एक साजिश बताई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सिविल लाइन से पार्षद मनोज मुद्गल को डिप्टी मेयर बनाने के चक्कर में मुझे फंसाने की साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर पार्षद मनोज मुद्गल और उनके घर में रहने वाले सुधांशु ने मिलकर मुझे फंसाने की साजिश की है। जो पूरी तरह फर्जी है। जिसका मौका आने पर खुलासा करूंगा।

सुशील गुर्जर ने अपने पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है।जिसमें पार्षद मनोज मुद्गल और सुधांशु ने कांग्रेस के एक बड़े नेता के कहने पर मुझे फंसाने की साजिश की। जिसका मौका आने पर मैं खुलासा भी करूंगा। उन्होंने बताया कि मुझे और मुनेश दोनों की जान को खतरा है। हमारे खिलाफ लगातार षड्यंत्र तैयार किए जा रहे हैं। उनके घर पर नगदी मिलने के सवाल पर सुशील ने कहा कि उन्होंने वैशाली नगर में एक प्लॉट बेचा था। जिसकी एवज में मिले 49 लाख रुपए उनके घर पर ही रखे हुए थे। जिनके दस्तावेज उन्होंने कोर्ट में पेश कर दिए हैं।

सुशील गुर्जर की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद पार्षद मनोज मुद्गल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यहां पर तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी स्थिति पैदा हो गई है। भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े गए सुशील गुर्जर बेवजह उनका नाम लेकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि उनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि चोरी तो सुशील गुर्जर ने की है। लेकिन सुशील गुर्जर उल्टा मुझ पर ही आरोप लगा रहे।

पट्टे जारी करने की एवज में एसीबी की टीम ने सुशील गुर्जर और दलाल नारायण, अनिल दुबे को गिरफ्तार किया। इसके बाद शनिवार को एसीबी ने तीनों को आमने-सामने बैठाकर काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान सुशील गुर्जर ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर खंडन किया। उन्होंने रिश्वत की राशि को लेकर खुद को बेगुनाह बताया। जबकि नारायण और अनिल दुबे ने एसीबी की पूछताछ में चुप्पी साधे रखी। वही एसीबी नारायण के घर पर अभी भी लगातार जांच में जुटी हुई है।