जयपुर– श्री दक्षिण मुखी बालाजी मंदिर हाथोज धाम में त्रिदिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव शनिवार 1 जुलाई से 3 जुलाई सोमवार तक स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य जी महाराज हाथोज धाम के सानिध्य में मनाया जाएगा।
स्वामी श्री बालमुकुंदाचार्य जी महाराज ने बताया कि 1 जुलाई शनिवार को नरसिंह लीला महोत्सव का आयोजन होगा शाम 6 बजे भगवान नरसिंह अवतार का नगर भ्रमण कराया जाएगा एवं 2 जुलाई रविवार को वराह लीला महोत्सव भगवान वराह अवतार को शाम 6 बजे नगर भ्रमण कराया जाएगा।
3 जुलाई गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पावन पर्व पर प्रातः 6 बजे व्यास पूजन एवं प्रातः 7 बजे गुरु पादुका पूजन किया जाएगा तत्पश्चात शिष्य गुरु का पूजन अर्चन करेंगे।
हिंदू धर्म में गुरु के महत्व का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। पौराणिक काल से ही गुरु का स्थान देवताओं से ऊपर बताया गया है।
जैसा कि श्रीमदभगवतगीता में कहा गया है-देवद्विजगुरुप्राज्ञपूजनं शौचमार्जवम्। ब्रह्मचर्यमहिंसा च शारीरं तप उच्यते।। इसी तरह से संत कबीरदास भी गुरु के महत्व को समझाते हुए लिखा है-गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। इस तरह से गुरुगीता के अनुसार- गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। हर साल गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है।
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का त्योहार 03 जुलाई, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।