जयपुर– हिम्मत सिंह राठौड़ को कमांडो के नाम से जाना जाता है। हिम्मत सिंह लगभग दो साल से सर्वसमाज के बच्चों को सेना में भर्ती कराने व उच्च स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाओं को चयन हेतु निशुल्क और निस्वार्थ भावना से प्रशिक्षण देते आ रहे है।
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चो को सुनहरा भविष्य देना ही हिम्मत सिंह ने अपना भविष्य बना लिया हैं।हिम्मत सिंह के सर्वसमाज के भला करने के दो उदारहण निम्न रूप से आपके सामने है।
(1). राधिका देतरवाल, जो अनुसूचित जनजाति से आती है , को हिम्मत सिंह की तरफ से कडा प्रशिक्षण दिया गया। राधिका ने 40kg वेट में बॉक्सिंग प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
राधिका अब नेपाल में आयोजित की जाने वाली इंटरनेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में चयनित हुई है। ये सराहनीय कार्य है हिम्मत सिंह जी निशुल्क व निस्वार्थ भावना से किया है।
2.पूरण मीणा, जो अनुसूचित जनजाति से आते है। पूरण मीणा का भाई पैरा मिलिट्री से सेवा करते हुए शहीद हो गया था। पैरामिलिट्री ने पूरण मीणा को भाई की जगह भर्ती होने का मौका दिया गया। लेकिन पूरण को शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के केवल तीन मौके दिये गए।
पूरण मीणा का 2 बार में चयन नही हुआ। अब पूरण के पास आखिरी मौका और मात्र दस दिन बचे थे। तब भाग्य ने पूरण मीणा को कमांडो हिम्मत सिंह से मिलवाया। हिम्मत सिंह ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया। हिम्मत सिंह ने कम समय देखते हुए,पूरण को दिन रात कडा प्रशिक्षण दिया। मात्र 10 दिन में पूरण को पैरा मिलिट्री में शारीरिक दक्षता परीक्षा पास कर पूरण मीणा को पैरा मिलिट्री की वर्दी पहनवा दी।
हिम्मत सिंह जी(कंमाडो) ने सर्व समाज के सामने राजपूत समाज की सकरात्मक छवि पेश की है। लेकिन ऐसे लोग अक्सर गुमनामी के अंधेरों मे ही रहते है। सोशल मीडिया, अखबारों,सामाजिक मंचों पर ऐसे लोगो को जगह नही मिल पाती है।
हम समाज के भामाशाहों से आशा करते है कि वो सर्वसमाज की निस्वार्थ भाव से सेवा करने वालो के लिए आगे आये। ताकि ऐसे लोगो का उत्साहवर्धन हो। हिम्मत सिंह भविष्य में भी पूरी लगन और मेहनत से युवाओं को ट्रेनिंग देते रहेंगे और राजपूत समाज का सिर गर्व से ऊपर रखेंगे।