इस बजट को पेश करने के बाद भी जादूगर मुखिया जी राज्य के विकास का रोडमैप जनता के समक्ष नहीं रख पाये। किसान,महिला,युवा,व्यापारी व श्रमिक हर वर्ग पूछ रहा है कि पिछले 4 बजटों की अधिकतर घोषणाएं कागजों में है तो इस बजट की घोषणाएं धरातल पर कब उतरेगी? पूर्व बजटो मे कि गई घोषणाओ का तो पता ही नही और नई घोषणाएं ! जिस प्रकार जादूगर अपनी छडी गुमाता है और जादू दिखाता है और इस बजट मे यही देखने को मिला क्योकि जादूगर के जादू मे सच्चाई कितनी होती है ये तो सब जानते है ये बजट भी इसी प्रकार है गहलोत सरकार के इस बजट से सबसे अधिक अगर निराशा किसी को हाथ लगी है तो वह है, युवा बेरोजगार। याद कीजिए इन्हीं को झांसा देकर यह सरकार सत्ता में आई थी।