नगर परिषद में एलईडी लगाकर हुआ बजट का प्रसारण
कोटपूतली:(मनोज पंडित)
राजस्थान विधानसभा में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार के कार्यकाल का 5 वाँ व अन्तिम बजट शुक्रवार को प्रस्तुत किया गया। राज्य बजट को लेकर कोटपूतली समेत आसपास के क्षेत्र में पिछले कई दिनों से लगातार उत्साह का माहौल बना हुआ था। जिसकी मुख्य वजह थी, आजादी के बाद से ही चली आ रही यहांँ की लगभग 75 वर्ष पूरानी कोटपूतली को जिला बनाये जाने की मांग।
राज्य बजट के प्रसारण के लिए जहाँ स्थानीय नगर परिषद कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय व ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी। वहीं घरों में टी.वी. पर गृहणियां, बुजुर्ग व बच्चे एवं युवा मोबाईल पर टकटकी लगाये बजट देखते रहे। लेकिन वर्षो पूरानी ज्वलंत मांग कोटपूतली को जिला बनाये जाने की घोषणा ना होने से क्षेत्रवासियों को निराशा ही हाथ लगी। जिला ना बनने से यहाँ आमजन में बेहद मायुसी का माहौल था।
वहीं राजनैतिक रूप से बड़ी संख्या में सोशियल मीडिया पर प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। मुख्यमंत्री के बजट भाषण के दौरान जैसे ही उन्होंने रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल आगामी 31 मार्च तक होने व उसकी रिपोर्ट आ जाने के बाद ही स्टडी कर जिला घोषित करने की बात कही। वैसे ही क्षेत्रवासियों में मायुसी छा गई।
हालांकि मुख्यमंत्री ने 100 किमी से दूर स्थित जिला मुख्यालयों के गठन को लेकर प्रतिबद्वता भी जताई है। वर्तमान कांगेे्रस सरकार का 5 वां व अन्तिम एवं चुनावी बजट होने के कारण क्षेत्रवासी बड़े ही बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे थे, लोगों को इस बात का पक्का विश्वास था कि कोटपूतली निश्चित रूप से जिला बनेगा। क्योंकि इस बार कोटपूतली के जिला बनने की सबसे प्रबल सम्भावनायें है।
आसपास की तहसीलों का समर्थन कोटपूतली को हांसिल है एवं सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ के विधायक राजेन्द्र सिंह यादव राज्य सरकार में उच्च शिक्षा व गृह राज्यमंत्री है एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी भी है। खबरो में भी लगातार चल रहा था कि गहलोत सरकार बजट में सात से दस नये जिले गठित कर तीन अतिरिक्त सम्भाग बना सकती है। उल्लेखनीय है कि कोटपूतली को जिला बनाये जाने की माँग देश की आजादी के बाद राजस्थान के गठन के साथ ही होने लगी थी।
सर्वप्रथम यहाँ के प्रथम विधायक बाबू हजारी लाल जोशी ने प्रथम विधानसभा में कोटपूतली को जिला बनाने की माँग की थी। इसके बाद से ही निरन्तर राजनैतिक रूप से माँग की जा रही है। वहीं अलग-अलग संगठनों के माध्यम से लगातार धरना प्रदर्शन व ज्ञापन का दौर भी जारी रहा है। वर्तमान में राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने भी कोटपूतली को जिला ना बनाने पर पार्टी व पद से इस्तीफा देने की चेतावनी भी राज्य सरकार को दे रखी है।
कोटपूतली राजधानी जयपुर से 100 से अधिक किमी दूर एवं वर्तमान में अतिरिक्त जिला मुख्यालय है। यही नहीं यहाँ की ग्राम पंचायत देवता की दुरी जयपुर जिला मुख्यालय से लगभग 140 किमी दूर है। कोटपूतली को जिला घोषित करवाये जाने को लेकर प्रशासनिक तैयारी भी पूरी है। यहांँ गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव के प्रयासों से ग्राम कालुहेड़ा में मिनी सचिवालय व पुलिस लाईन के लिए 180 बीघा जमीन का आंवटन हो चुका है।
वहीं परिवहन कार्यालय के लिए 20 बीघा भूमि पर भवन निर्माण हेतु 3 करोड़ 75 लाख रूपयों की राशि भी जारी हो चुकी है। गहलोत सरकार के विगत चार बजट में कस्बे की सीवरेज लाईन, कोटपूतली-नारेहड़ा बाईपास, नगर पालिका को नगर परिषद में क्रमोन्नत, अतिरिक्त एडीजे व एसीजेएम न्यायालयों के खोलने समेत अन्य घोषणायें हुई है। साथ ही ग्राम पाथरेड़ी में 220 केवी व नारेहड़ा में 132 केवी सबग्रिड स्टेशन के साथ-साथ राजकीय बीडीएम अस्पताल को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत करने के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़, बिजली, पेयजल व सुरक्षा से जुड़ी कई योजनायें मिली है।
यहाँ के ग्राम पाथरेड़ी में कृषि महाविधालय के अलावा पशु चिकित्सा महाविधालय भी खोला जा रहा है। इससे जिले की सम्भावनाओं को मजबुती तो मिली है लेकिन बार-बार समय बढऩे से निराशा भी बढ़ती जा रही है। बहरहाल गहलोत कार्यकाल में अभी चुनावी अवधारणा लगने तक करीब 8-9 माह का समय शेष भी है। ऐसे में 31 मार्च के बाद कमेटी की रिपोर्ट आने पर सरकार द्वारा कोटपूतली को जिला घोषित भी किया जा सकता है।