November 24, 2024

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को बजट में ओला, उबेर, स्विगी, जोमेटो, रैपिडो, अमेजॉन, फ्लिपकार्ट व अर्बन कंपनी में काम करने वाले सभी मोबाइल ऐप द्वारा काम कर रहे श्रमिकों कि सामाजिक सुरक्षा के लिए,
राजस्थान ऐप आधारित श्रमिक यूनियन राजस्थान, सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान, इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स की ओर से राज्य सरकार से बार-बार की जा रही मांग पर प्रदेश में काम कर रहे लगभग 5 लाख गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने आज के अपने बजट अभिभाषण में गिग वर्कर्स के लिए गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट और गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की घोषणा की। इसके साथ ही इस बोर्ड के गठन के लिए 200 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की।

प्रदेश के सभी मोबाइल ऐप आधारित श्रमिकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसके लिए धन्यवाद दिया।राजस्थान ऐप आधारित श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष धर्मेंद्र वैष्णव ने बताया कि हमने सरकार के आगे 4 मांगे रखी थी।

  1. मोबाइल ऐप आधारित श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा निश्चित हो।
  2. सामाजिक सुरक्षा हर लेन-देन पर लगने वाली लेवी पर आधारित हो।
  3. एग्रीगेटर कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानून शीघ्र बने।
  4. गिग एवं प्लेटफार्म वर्कर्स के लिए शीघ्र त्रिपक्षीय बोर्ड बने।

कानून और बोर्ड की मांग सरकार ने मान ली है। अब हम यही चाहते हैं कि जो भी कानून बने वह इन श्रमिकों को लाभ दिलाने वाला बने, और जो बोर्ड बने वह भी श्रमिकों के हित में काम करने वाला बोर्ड बने। साथ ही बोर्ड का संचालन गिग वर्कर्स के हर लेन-देन पर कटने वाली लेवी से हो ताकि सरकार पर इस का अतिरिक्त भार ना पड़े।