भैंरू बाबा के लक्खी मेले में लाखों की संख्या में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़
350 क्विण्टल चूरमा तैयार, महिलाओं ने विशाल कलश यात्रा निकाली
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट व बिजनौर (यूपी) से लोकसभा सांसद मलुक नागर, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव समेत बड़ी संख्या में नेता, जनप्रतिनिधि व अतिथिगण लेगें भाग
कोटपूतली:(मनोज पंडित)
निकटवर्ती ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाडिय़ों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी मंदिर का 14 वार्षिकोत्सव समारोह सोमवार को बड़े ही धुमधाम व हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जायेगा। मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसको लेकर पिछले एक माह से ग्रामीण जन सहयोग से भंडारे की तैयारियों में जुटे हुए है।
भंडारे के लिए 350 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाने के लिए ग्रामीण बिना हलवाई के खुद ही जुटे हुए हैं। ग्रामीण इस लक्खी मेले को इतने व्यवस्थित ढ़ंग से संपन्न कराते है कि पुलिस प्रशासन भी हैरान है। मेले में आने वाले हजारों वाहनों के लिए ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था तक खुद संभालते है। ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास का यह मेला अद्भुत उदाहरण है। हैलीपेड से लेकर बाबा के दर्शनों के लिए जगह जगह ग्रामीण ही वॉलेन्टियर्स के रूप में तैनात होते है।
सर्वप्रथम सन 2010 में प्रथम वार्षिकोत्सव में 70 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाई गई थी। उसके बाद हर वार्षिकोत्सव पर प्रसादी के लिए बनाए गए चूरमे को बढ़ाया गया। चूरमे के लिए बनी बाटियों को 2 थ्रेसर से पिसाई कर चूरमे में जेसीबी की सहायता से खांड, घी, काजू, बादाम, किशमिश व खोपरा मिलाया गया। प्रसादी के लिए बनाए जा रहे चूरमें की बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर से बाटियों की सफाई की जा रही है ताकि इनमें मिट्टी व राख के कण नहीं रहे। इसके अलावा चूरमे को मिलाने के लिए भी कार्यकर्ता हाथ व पांव में पॉलिथीन पहन कर ही कार्य करते हैं।
मन्दिर के पुजारी रोहिताश बोफा ने बताया कि मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना सहित दूर-दराज से श्रद्धालु पधारते हैं। ग्रामीण जयराम जेलदार ने बताया कि मंदिर के वार्षिकोत्सव में ग्रामीण एकजुट होकर सहयोग करते हैं, वार्षिकोत्सव पर कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली, थ्रेसर, कंप्रेसर इत्यादि की सुविधा भी अपने स्तर पर ही देते हैं। ग्रामीण कैलाश धाबाई ने अपनी दिनचर्या बताते हुए कहा की सुबह ही कार्यकर्ता अपने-अपने कार्य में लग जाते हैं सबको अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट व बिजनौर (यूपी) से लोकसभा सांसद मलुक नागर होगें। जबकि अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक, उच्च शिक्षा व गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव करेगें।
वहीं विशिष्ठ अतिथियों में कैबिनेट मंत्री शकुन्तला रावत, सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, विराटनगर विधायक इन्द्राज गुर्जर, नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी, बांदीकुई विधायक जीआर खटाना, चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, मुण्डावर विधायक मनजीत धर्मपाल चौधरी, बहरोड़ विधायक बलजीत यादव, प्रधान नेहा रावत, पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना समेत बड़ी संख्या में अतिथिगण, जनप्रतिनिधि व नेतागण भाग लेगें। धमाल कार्यक्रम में मुकेश एण्ड पार्टी जमालपुर, शिम्भू एण्ड पार्टी मूसनौता, मक्खनराम एवं शिम्भू एण्ड पार्टी ढ़ाणी बनकी पाटन, बीरबल एण्ड पार्टी देवीपुरा, अलगोजा एण्ड पार्टी, मुखराम बगड़ावत एण्ड पार्टी मूसनौता, हरिराम बोफा व ख्यालीराम हवलदार जैनपुरबास आदि कलाकार धमाल की प्रस्तुति देगें। इसके अलावा भैंरू बाबा के मन्दिर पर हैलीकॉप्टर द्वारा फूलों की वर्षा आकर्षण का केंद्र रहेगी।
350 क्विटंल चूरमा बनकर तैयार :- पूजारी रोहिताश बोफा, यादराम सिहोडिय़ा, जयराम जेलदार, कैलाश धाबाई, उप सरपंच शिम्भुदयाल, कैलाश पोषवाल, सवाई खाड़ा, रणजीत, ओमप्रकाश, महावीर, लक्ष्मीनारायण, शैतान, बनवारी, विक्रम छावड़ी, निरंजन, संदीप, विनोद सिंह, सुरेश, रामस्वरूप, सतीश छावड़ी, बबलू सिरोहीवाल, महेश आदि ने बताया कि 120 क्विंटल आटे की चूरमे की प्रसादी बनाई गई है, जिसमें 50 क्विटंल सुजी, 25 क्विंटल देसी घी, 80 क्विंटल खाण्ड़, 10 क्विटंल मावा, 3 क्विंटल काजू, 3 क्विटंल बादाम, 3 क्विंटल किशमिश, 7 क्विंटल मिश्रि कटिंग व 3 क्विटंल खोपरा मिलाया गया है। आटे में मुआइन डालने के लिए 50 क्विटंल दूध काम में लिया गया है।
इसके अलावा करीब 70 क्विंटल दही तथा 25 क्विंटल दाल बनाई जाएगी, दाल बनाने में 30 पीपा सरसों तेल, 5 क्विंटल टमाटर, 2 क्विंटल हरी मिर्ची, 1 क्विंटल हरा धनिहा व मसाला 60 किलों पीसी हुई लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी, 40 किलो जीरा काम में लिया जायेगा। दही चूरमे का भैरू बाबा के भोग लगाया जाता है। इसके बाद श्रद्धालु प्रसादी पाते है। प्रसादी के लिए 2 लाख पतल व चाय व कॉफी के लिए 4 लाख कप मंगवाये गए है। पानी की व्यवस्था के लिए 10 टैंकर खड़े करवाए जायेंगे।
महिलाओं ने निकाली विशाल कलश यात्रा :- भंैरू बाबा के 14 वेंं वार्षिकोत्सव समारोह को लेकर 29 जनवरी रविवार को प्रात: 3100 महिलाओं द्वारा विशाल कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा धु्रव स्टोन क्रेशर स्थित शिव मंदिर से रवाना होकर गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई डीजे के साथ भैरू बाबा मन्दिर पहुंची।
कलश यात्रा से पूर्व पं. सीताराम शर्मा, सत्यदेव शर्मा ने पूजा अर्चना के बाद कलश यात्रा को रवाना किया गया। कलश यात्रा में महिलाएं विभिन्न परिधानों में सजकर नाचती व मंगलगीत गाती हुई चल रही थी। कलश यात्रा में अतिथि के रूप में प्रधान नेहा गुर्जर, पूर्व सरपंच इंद्राज, सरपंच प्रतिनिधि विक्रम छावड़ी, जिला पार्षद मंजू रावत, भाजपा नेता मुकेश गोयल व यादराम जांगल, विकास जांगल, हवासिंह महासी सुंदरपुरा, सतीश छावड़ी आदि उपस्थित रहे। पुलिस प्रशासन ने भी दौरा कर मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबन्द :- मेले के लिए ग्रामीणों में अपार उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा हैं। कल्याणपुरा व कुहाड़ा गाँव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से तैयारियों में जुटे हुए हैं। ग्रामीणों द्वारा मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढ़ंग से की जाती हैं। जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी हुई हैं। हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई जाती हैं। विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहते हैं।
ग्राम एकता का यह मेला नायाब उदाहरण हैं। वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द हैं। इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस जवानों की तैनाती की जायेगी। मौके पर एम्बूलेंस, फायर बिग्रेड आदि संसाधन भी तैनात रहेगें।
सोनगिरा पोषवाल की जुड़ी अटुट आस्था :- इस धाम के पीछे भैंरू बाबा के परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी है। ग्रामीणों ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भंैरूजी का परम भक्त था। जो कि भैंरू बाबा की मूर्ती को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरू बाबा की मूर्ती लाने कांशीजी चला गया। जिस पर भैरू बाबा ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा पोषवाल प्रथम से अपने बड़े बेटे की बली मांगी ।
जिस पर सोनगिरा पोषवाल प्रथम ने बेटे की बली देकर भैंरू बाबा की मूर्ती लेकर चल देता है। भंैरू बाबा उसके इस बलिदान व परीक्षा से खुश होकर उसके पुत्र को जीवित कर देते है। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरो के साथ कुहाड़ा गांव जिसका पौराणिक नाम अजीतगढ़ चौसला बारहगोठ में लाकर विक्रम संवत् 705 ई बैशाख सुदी पंचमी को वार शनिवार को स्थापना की गई थी। वर्तमान में स्थापना दिवस पर विशाल भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जाता है।
खेजडी वृक्ष की भी होती है पूजा- सोनगिरा पोषवाल प्रथम के सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ। जिसने अपनी बेटी पदमा पोषवाल की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ मिति बैशाख सुदी नवमी वार रविवार संवत् 934 में की। जिसमें पंचदेव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है। जिसकी आज भी पुजा होती है।
पदमा पोषवाल ने वरदान दिया कि जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलने पर उसको संतान सुख प्राप्त होगा। पोषवाल गौत्र पर इसका वरदान लागु नहीं होता है। तभी से आसपास के क्षेत्र में भैरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा होने लगी तथा हजारों की संख्या में लोग इसके दर पर आने लगे।