जयपुर– अपनी राजनीतिक यात्रा में गरीब, असहाय और कर्मशील पत्रकारों के प्रति सदैव संवदेनशील रहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवदेनाएं आखिर कहां खो गई हैं।
पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के 571 आवंटी पत्रकारों में से पिछले दस साल में अनेक पत्रकार तो दुनिया छोड़ चुके है।
एक अन्य पत्रकार साथी इलाज कराने के बजाय अस्पताल से मुख्यमंत्री निवास आने पर अड़े हुए हैं।
पिछले16 दिन से रोज पत्रकार मुख्यमंत्री सिंह मिलने सीएमआर आ रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जी मिलने का समय ही नहीं दे रहे हैं।
पत्रकार आवंटियों की व्यथा सुनकर सीएमआर के अधिकारी भी सन्न रह गए। चलो नायला संगठन के आह्वान पर मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे पत्रकारों के जत्थे ने अस्पताल में भर्ती वरिष्ठ पत्रकार रूपेश शर्मा का मुख्यमंत्री के नाम पत्र देकर अधिकारियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार विजय भूषण लाल, रिछपाल सिंह, अशोक थपलियाल, दलीप कुमार और दिलीप दीक्षित के 14वें जत्थे ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर दस्तक दी।
उन्होंने सीएमआर के संयुक्त सचिव ललित कुमार से मिलकर अपने नायला में भूखंड आवंटन के दस्तावेज सौंपे और आवंटी पत्रकारों की पीड़ा सुनाई। उन्होंने बताया कि साढ़े तीन माह से पत्रकार आपके यहां ज्ञापन दे रहे हैं। कभी नायला, कभी जेडीए तो कभी सीएमओ के चक्कर लगा रहे हैं। नायला आवास योजना में अधिकारियों की लापरवाही से लगा इकॉलोजिकल जोन का ठप्पा भी उन्होंने खुद जेडीए में संघर्ष कर हटवाया है।
आवंटियों को कइयों ने सताया है। अब मुख्यमंत्री जी भी ध्यान नहीं देंगे तो कहां जाएंगे। दस साल में दिवंगत हो चुके साथी पत्रकारों के परिजन पूछते हैं कि प्लॉट कब तक मिलेगा, वे उन्हें भी क्या कहें कि मुख्यमंत्री जी मिल नहीं रहे।
पत्रकारों ने संयुक्त सचिव को ज्ञापन देकर कहा कि सताए हुए आवंटी पत्रकारों की तकलीफें तब ही कम होंगी, जब मुख्यमंत्री जी पत्रकारों को मिलने का समय देंगे। वे मानते हैं कि मुख्यमंत्री जी की व्यस्तताएं अधिक हैं, लेकिन पत्रकार भी दस साल से दुखी हैं।
इस पर ललित कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को आपके हर आगमन की सूचना दे रहे हैं। जल्दी ही वे आपसे भी मिलेंगे। जत्थे के पत्रकारों ने 571 आवंटी पत्रकारों का ‘मुख्यमंत्री हमसे मिलो’ पोस्टर भी ललित कुमार को भेंट किया।
तहलका डॉट न्यूज़