September 27, 2024

कोटपुतली-जैसे-जैसे वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे राजनैतिक सरगर्मियां भी तेज होती जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को कस्बा स्थित मोरीजावाला धर्मशाला में आयोजित वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच युवा मोर्चा के जिला कार्यकर्ता सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए भाजपा से निष्कासित चल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने प्रदेश की गहलोत नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के साथ-साथ विपक्ष में बैठे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां पर भी जमकर निशाने साधे। डॉ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान में जंगल राज की स्थिति है, हर तरफ अपराध, गुण्डागर्दी व भ्रष्टाचार से प्रदेश की आम जनता त्रस्त है।

भारी मात्रा में महिलाओं, दलितों समेत हर वर्ग के लोगों पर अत्याचार हो रहे है। लेकिन डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व में विपक्ष में बैठी भाजपा इतनी कमजोर हो चली है कि गहलोत सरकार के मंत्री, विधायकों को जनता को लूट कर अपनी तिजोरियां भरने की खुली छुट मिली हुई है। हाल ही में आयोजित भाजपा की जन आक्रोश यात्रा बुरी तरह विफल रही है। जनता इस कदर निराश हो चुकी है कि तमाम अत्याचार सहने के बावजुद भी राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। जबकि राजस्थान में इस यात्रा का आयोजन पुरे सरकारी तंत्र के साथ-साथ जनता के खर्च से हुआ है। डॉ. शर्मा ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व को कार्यकर्ताओं से लूट का अड्डा करार देते हुए कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो आलाकमान को राजस्थान से बड़ी निराशा हाथ लगेगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजस्थान की कमान सौंप दी जाती है तो वे तीसरी बार भारी बहुमत से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में कामयाब होगी। डॉ. शर्मा ने राजे को नेतृत्व देने पर 180 सीटों पर जीत का दावा किया। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वे खुद आधा दर्जन से अधिक विधानसभा चुनाव हारने के बाद पहली बार विधायक बने है। जबकि स्वयं ही स्व. भैरोसिंह शेखावत के जमाने में वर्तमान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़, हरि शंकर भाभड़ा, ललित किशोर चतुर्वेदी, स्व. भंवर लाल शर्मा जैसे कद्दावर भाजपा नेताओं के बारे में उलटी सीधी बाते किया करते थे। पूनियां के नेतृत्व में हुए उपचुनाव में भाजपा 8 में से 6 विधानसभा चुनाव हार चुकी है। हाल ही में सरदार शहर में हुई हार डॉ. पूनियां के नेतृत्व पर करारा तमाचा है, क्योंकि भाजपा 35 हजार से अधिक वोटों से विधानसभा चुनाव हारी। डॉ. पूनियां अपना गाँव होने के बावजुद भी सरदार शहर में अपने समाज का एक भी वोट भाजपा को नहीं दिला पाये। उन्होंने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोटपूतली समेत बानसूर, बहरोड़ आदि विधानसभा क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बन चुके है। यूपी व हरियाणा में वहां की सरकार से त्रस्त होकर अपराधी इन क्षेत्रों को अपनी लूट का अड्डा बना रहे है। यह सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। मुख्यमंत्री ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधायकों व मंत्रियों को खुली लूट की छुट दे रखी है। राजस्थान में यह कहावत चरितार्थ है कि गहलोत नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, सरकार चली जायेगी जब पछतायेगा, माल जायेगा छुट। अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे पं. दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों को मानने वाले एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पं. अटल बिहारी वाजपेयी के पद चिन्हों पर चलने वाले कार्यकर्ता है। भाजपा उनके मन में बसती है। अध्यक्षता करते हुए मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष व सेवानिवृत कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष पं. बृजमोहन शर्मा ने युवा कार्यकर्ताओं से अनुशासित ढंग़ से कार्य करते हुए तीसरी बार राजे सरकार बनाने का आह्वान किया। कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए राजे की प्रचण्ड बहुमत से सरकार बनाने की हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में पैराटीचरों समेत संविदाकर्मी गहलोत सरकार द्वारा स्थाई ना किये जाने से नाराज है। गहलोत सरकार ने संविदाकर्मियों से छलावा किया है। जिससे राजस्थान का कर्मचारी आक्रोशित है। प्रदेश भर में मंच के कार्यकर्ता 200 विधानसभा क्षेत्रों में बुथ स्तर तक राजे सरकार बनाने के लिए कार्य कर रहे है। इस मौके पर मंच के नवनियुक्त युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष एड. अभिषेक मोरीजावाला ने कार्यभार ग्रहण करते हुए आभार व्यक्त किया। संचालन करते हुए युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन मंत्री विकास डोई ने कार्यकारिणी के विस्तार की जानकारी दी। सम्मेलन की शुरूआत भगवान श्री गणेश व माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुई। अतिथियों का मंच की ओर से माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष रघुवीर गोयल, दीपक रावत, मोहन भारद्वाज, भूपसिंह, हँसराज सैनी, योगेश गुर्जर, नरेन्द्र कुमावत, सुमित शर्मा, अजय मीणा, प्रदीप सरपंच, घमन स्वामी, राकेश गुर्जर, कुलदीप शेखावत, सुमित जांगिड़, विक्रम शर्मा, सुभाष समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।