जयपुर-लालरपुरा गांव में अपने पिता नान्छी लाल चौपडा के निधन के बाद बारहवीं पर पगड़ी की रस्म निभाकर समाज में और चौपड़ा परिवार में नई मिसाल पेश की है|कृष्णा ने बेटी होते हुए भी बेटे की कभी अपने पिता को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी अपने पिता के आकस्मिक निधन के बाद पगड़ी की रस्म कृष्णा ने निभाई परिवार में सभी चचेरे भाइयों की भी यही इच्छा थी कि कृष्णा ही पगड़ी की रस्म निभाए|
कृष्णा ने बताया कि आज के इस समय पर बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है उसने यह कदम समाज में यह संदेश देने के लिए उठाया है कि आज के समय में बेटियां अपने परिवार की सभी जिम्मेदारियां निभा सकती है|पगड़ी की इस रस्म में सोहन चौपड़ा, भोलाराम चौपड़ा, मदन चौपड़ा, मोतीराम चौपड़ा, बाबू चौपड़ा सहित सभी गांव वालों ने उपस्थिति दर्ज कराई और सभी ने प्रशंसा की!
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