September 27, 2024

वैद्य आय से 200 प्रतिशत अधिक परिसम्पत्तियों का हुआ खुलासा

अकाउंटेंट के घर से मिले एक किलोग्राम सोने के बिस्किट व 10 लाख 40 हजार नकद, अन्य जेवरात व प्रोपर्टी के कागजात

कोटपूतली:(मनोज पंडित)

स्थानीय पीडब्ल्युडी विभाग में कार्यरत रहे अकाउंटेंट महिपाल सिंह शेखावत के ठिकानों पर बुधवार अल सुबह से एसीबी टीम द्वारा शुरू किये गये सर्च अभियान से क्षेत्र के सरकारी विभागों में सनसनी फैल गई। बुधवार सुबह शुरू हुआ अभियान देर शाम समाचार लिखे जाने तक जारी था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों एसीबी मुख्यालय को कोटपूतली पीडब्ल्यूडी ऑफिस में रहे अकाउंटेंट महिपाल सिंह शेखावत के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी। जिसका एसीबी ने सत्यापन करने के बाद बुधवार अल सुबह अकाउंटेंट के पीडब्ल्यूडी विभाग कार्यालय, कोटपूतली के मधुकर कॉलोनी स्थित आवास व जयपुर स्थित आवास पर दबिश दी।

दबिश के दौरान एसीबी की टीम को अकाउंटेंट के ठिकानों से वैध आय से करीब 200 प्रतिशत अधिक परिसम्पत्तियों का खुलासा हुआ है। एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी कोटपूतली जयपुर के अकाउंटेंट महिपाल सिंह के खिलाफ आय से अधिक परिसंपत्तियों की शिकायत मिलने पर प्रकरण दर्ज कर एएसपी आहद खान की अगुवाई में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। टीम ने कार्यालय सहित कोटपूतली व जयपुर आवास के तीन ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन किया।

इस दौरान टीम को 2 करोड़ 63 लाख की परिसंपत्तिया अर्जित करने का ज्ञात हुआ, जो वैध आय से 200 प्रतिशत अधिक परिसम्पत्तियां है। आरोपी द्वारा अपनी अवैध आय को कोटपूतली, जयपुर में आवासीय, व्यवसायिक भूखंडों व फ्लैट एवं म्यूचल फंड व इंश्योरेंस में निवेश करने की जानकारी सामने आई है। आरोपी के जयपुर स्थित मकान से 10 लाख 40 हज़ार 23 रुपए नगद, 01 किलोग्राम सोने के बिस्किट, 372 ग्राम सोने के आभूषण, 02 लग्जरी वाहन सहित भारी मात्रा में चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले है।

कोटपूतली स्थित कार्यालय एवं आवास की तलाशी में टीम को 02 स्टोन क्रेशर, खनन लीज के दस्तावेज व एक बैंक में लॉकर होने की भी जानकारी मिली है। एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के निर्देशन में विभिन्न टीमों द्वारा आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान लगातार जारी है। जिसमें और अधिक परिसम्पत्तियों का पता चलने की सम्भावना है। आरोपी के खिलाफ आय से अधिक परिसंपत्ति अर्जित करने का प्रकरण पीसी एक्ट में तहत दर्ज कर जांच की जा रही है।