जयपुर: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रमुख महेंद्र सिंह , प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र राना, संरक्षक सियाराम शर्मा तथा महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग के द्वारा संविदा सेवा नियम 2022 के तहत 18 वर्ष तक संविदा पर कर्मचारियों को रखने तथा संविदा कर्मचारियों की 10-10 वर्ष की पूर्व संविदा सेवा काल को उक्त नियमो के तहत निर्धारित 9 एवं 18 वर्ष के पदनांम एवं वेतन के लिए शामिल नही करने वहीँ शिक्षा विभाग में समग्र शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा में बरसों से कार्यरत शिक्षकों को उक्त प्रक्रिया में शामिल ही नहीं करने जैसी गाइड लाइन से कई कई वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की आशा को आघात पहुंचना बताते हुए पुनर्विचार की मांग की है।
उन्होंने बताया कि उक्त व्यवस्था से तो परमानेंट संविदा भर्ती का आगाज किया जा रहा है,जो ना तो संविदा कार्मिकों के हित मे है ना ही बेरोजगार शिक्षित प्रशिक्षित युवाओं के। वही पूर्व में जारी नोटिफिकेशन मैं साफ कर दिया है, कि उक्त संविदा नियम 2022 के तहत रीको यानी राजस्थान इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ,कमिश्नर इन पोस्टों को क्रिएट,करेंगे जिन्हें कभी भी कम ज्यादा या समाप्त करने का अधिकार उन्हें होगा। नियुक्ति पत्र भी वही जारी करेंगे।
इनको नई या पुरानी पेंसन के लिए कॉर्पोरेशन कोई अंशदान भी नहीं देगा । इन सब से स्पष्ट है उक्त व्यवस्था कार्मिकों के हित मे नहीँ है,। इससे सरकार को भी कोई राजनीतिक लाभ नही होगा ,अतः सरकार को पुनर्विचार कर ,उड़ीसा ,एवं पंजाब की तरह समस्त संविदा , प्लेसमेंट ,मानदेय कार्मिकों का नियमितकरण करने की दिशा में कार्य करना चाहये।
तहलका डॉट न्यूज