अजीतगढ़ [ज्ञान चन्द] – कस्बे के युवा छात्र ने नीट में अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर अजीतगढ़ कस्बे के साथ साथ अपने माता-पिता व गरुजनों का नाम रोशन किया। जतिन ने 720 अंकों में से 632 अंक प्राप्त किए।
इस सफलता के सुअवसर पर आज कस्बे के विवेक शिक्षण संस्थान ने जतिन शर्मा पुत्र श्री अशोक मिश्रा को संस्था में बुलाकर विद्यालय परिवार द्वारा उसका तिलक कर, माला पहना कर स्वागत किया गया तथा संस्था प्रधान राजेन्द्र जाट द्वारा साफा बांध कर उसको सम्मानित करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
जतिन शर्मा ने शाला के छात्र-छात्राओं को अपने सम्बोधन में अपनी सफलता के अनेक राज बताए। जिनमें मुख्य रूप से बताया गया कि 10 वीं कक्षा पास कर एक विद्यार्थी को अपना एक लक्ष्य का निर्धारण कर आगे की पढ़ाई शुरू करनी चाहिए । आप किस क्षेत्र में जाना चाहता है? यह मायने रखता है। उसी के अनुरूप अपना कर्म करना चाहिए साथ ही जतिन ने जुनून शब्द पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी बनाए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व अपने स्वर्णिम स्वप्न को साकार करने के लिए उसमें एक जुनून का होना जरूरी है यही जुनून एक आम आदमी को खास बनाती है , अलग पहचान बनाती है। दूसरा यह कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीवन में समय की महत्ता को पहचानना जरूरी है। अनुशासित, सकारात्मक सोच व नियमित अध्ययन ही एक मात्र सफलता की कुंजी है जिसका पालन सभी युवा छात्र-छात्राओं को करना आवश्यक है। माता-पिता व गरुजनों का सम्मान करना उतना ही जरूरी है जितना अपनी कामना के लिए एक ईश्वर की पूजा-अर्चना करना।
अन्त में जतिन ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ अपने गरुजनों को दिया। विशेषकर अपने उस गुरू का तहेदिल से आभर प्रकट किया उस गुरु का नाम है नीलेश जी शर्मा, जिन्होंने विकट परिस्थित के करोना काल में भी जतिन को पढ़ाने का कार्य जारी रखा, मार्गदर्शन मिलता रहा। इनके अलावा उनके अग्रज भी दिनेश शर्मा का हाथ व साथ भी नितेश पर आशीर्वाद स्वरूप बना रहा जिन्होंने सुख-दुख की घड़ी में उसके साथ खड़े नजर आते थे इस प्रकार कहीं ना कहीं उसके अग्रज भाई दिनेश शर्मा का मार्गदर्शन भी जतिन की सफलता में एक अहम कड़ी का काम किया।
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