April 24, 2024
  • राप्रावि सहादतनगर के शाला प्रबन्धन समिति अध्यक्ष सहित ग्रामीणों ने स्कूल नींव खुदवाकर भवन निर्माण में गुणवत्ता लाने की मांग की,
  • ग्राम पंचायत बिलोता की मनमानी से ग्रामीणों में भारी नाराजगी,जिला कलेक्टर सहित शिक्षा विभाग को मामले से कराया अवगत

टोंक/अलीगढ़/उनियारा । टोंक जिले में उनियारा उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिलोता के सहादत नगर गांव स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय के वर्षों पुराने जर्जर व खण्डहर भवन के ऊपरी हिस्से को तोड़कर कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत बिलोता द्वारा पुनः निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है।

इस निर्माण कार्य को लेकर विद्यालय प्रबंधन समिति सहित ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए ग्राम पंचायत सहित शिक्षा विभाग प्रशासन पर अनदेखी करने व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय (क्रमोन्नत – राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय) सहादत नगर के शाला प्रबंधन समिति (SMC) अध्यक्ष शिवराज बारवाल मीना सहित उपाध्यक्ष कमलेश सैनी, खुशीराम मीना, मैनेजर, ओमप्रकाश सैनी, धर्मराज मीना, बोलताराम, शान्तिलाल, हरफूल, नितेश, घनश्याम आदि ग्रामीणों ने बताया कि विधायक हरीशचन्द्र मीणा द्वारा 5 मार्च 2019 की घोषणा पर स्थानीय विधायक कोष से बीते 8-9 महिने पूर्व 5 लाख रूपये की स्वीकृति विद्यालय भवन निर्माण के लिए की गई थी। जिसके लिए कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत बिलोता को बनाया गया।

ग्राम पंचायत बिलोता ने विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) एवं ग्रामीणों से चर्चा किए बिना ही अपनी मनमर्जी से करीब 60-70 साल पुरानी जर्जर हालत में पड़ी स्कूल बिल्डिंग की ऊपरी दीवारों को हटाकर, प्लिंथ लेवल तक चूने की पुरानी दीवार पर ही डीपीसी डलवा कर बीते 4-5 दिन पूर्व निर्माण कार्य शुरू कर दिया। जबकि होना यह था कि नया निर्माण नींव से ही प्रारम्भ किया जाता। शिक्षा विभाग प्रशासन ने कार्यकारी एजेंसी ग्राम पंचायत बिलोता के साथ मिलकर जिस तरीके से निर्माण कार्य शुरू करवाया है, जिस पर सवाल उठना वाजिब है? क्योंकि यह कोई सामान्य बिल्डिंग निर्माण का मामला नहीं है।

यह शिक्षा के मंदिर विधालय निर्माण का मामला है। जहां सुनहरे भारत के भविष्य नन्हे बालक और बालिकायें यहां शिक्षा ग्रहण करेंगे। इस निर्माण में ऐसी बड़ी खामियां छोड़ी है,जिसके चलते कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि पुरानी जर्जर व क्षतिग्रस्त नींव की दीवार गिरने से कभी भी हादसा हो सकता है। उक्त असुरक्षित स्कूल निर्माण को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों, ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी, सरपंच एवं ठेकेदार सहित अन्य को अवगत करा दिया है। लेकिन कोई भी उक्त कार्य को नींव स्तर से शुरू कराने के लिए राजी नहीं है। यह असुरक्षित स्कूल निर्माण सरकारी धन का दुरूपयोग व भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।

उक्त निर्माण का कार्य प्रारंभ होने के 4-5 दिन बाद ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शाला प्रबंधन समिति (एसएमसी) अध्यक्ष शिवराज बारवाल मीना सहित ग्रामीणों ने भी मुद्दा उठाते हुए विद्यालय भवन का निर्माण गुणवत्ता युक्त एवं नींव खोदकर करवाने की मांग की है। आज हालात यह है कि विद्यालय की पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त करने के चलते बरसात के दिनों में स्कूली बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए ईधर-उधर भटक रहे हैं। ना तो उनके पास बैठने के लिए कोई छत है, ना ही कोई उचित स्थान। इसके लिए ग्राम पंचायत और शिक्षा विभाग ने भी कोई इंतजाम नहीं किया है। बच्चे कभी मंदिर प्रांगण के बरामदे में बैठते हैं तो कभी कहीं और। हाल ही में राज्य सरकार ने इस विद्यालय को गुरूवार, 21 जुलाई 2022 को क्रमोन्नत कर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में तब्दील कर दिया है।

अब देखना यह है कि जब यहां प्राथमिक विद्यालय की सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में उच्च प्राथमिक विद्यालय की घोषणा के बाद यहां के हालात कैसे होंगे? साथ ही शाला प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों ने बताया कि अगर ग्राम पंचायत सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा नींव खुदवाकर गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया तो वे जल्द ही व जिला कलेक्टर को भ्रष्टाचार के मामले से अवगत कराएंगे।

तहलका डॉट न्यूज (लोकेश कुमार वैरागी)