जयपुर-भुवनेश्वरी वाटिका सेकंड में सरकारी रास्ते पर भू माफियाओं ने प्लॉट बेचान कर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया यह मामला ग्राम कनकपुरा की खसरा संख्या 59 जेडीए स्वामित्व पर किए गए अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है! जिसकी शिकायत करीब 20-25 विकास समितियों ने मिलकर जेडीए में की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए तब अधिकारियों ने शिकायत को सही मानते हुए वह अति आवश्यक मानते हुए मौके पर से कुछ अतिक्रमण तुरंत हटा दिया था!
जिसका मलबा आज भी मौके पर पड़ा है इस कारण रास्ता बाधित है तथा पांच अतिक्रमण कर्ताओं को धारा 72 के तहत नोटिस 22-7- 2019 को दिए थे!
जिसका अतिक्रमणकर्ता द्वारा जवाब दिया गया तथा जोन द्वारा संपूर्ण जांच करने के बाद असंतुष्ट होने पर अतिक्रमण हटाने के लिए 29-7- 2021 को विधिक नोटिस जारी किए गए! परंतु प्रवर्तन शाखा की लापरवाही के कारण कार्यवाही नहीं हो पाई तथा विधि विरुद्ध और नियम अनुसार कार्रवाई से बचने के लिए दुबारा पैमाइश मुख्य नियंत्रक परिवर्तन के और जोन उपायुक्त महोदय की निगरानी में की जानी तय की गई!
जबकि यहां पर अन्य लोगों का अतिक्रमण हटा दिया
गया था परंतु यह कार्य प्रवर्तन शाखा द्वारा भू माफियाओं को बचाने के लिए किया गया हमने व समस्त विकास समितियों ने जेडीए में दोबारा पैमाइश की फीस जमा करा कर उन्हीं के सानिध्य में वह दिशानिर्देशों में सर्वे करवाया गया जिस में भी अतिक्रमण होना पाया गया तथा पिछले 3 माह से जोन द्वारा अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रवर्तन शाखा को लिखित में दे दिया गया है!
परंतु रघुवीर सैनी मुख्य नियंत्रक परिवर्तन की हठधर्मिता के कारण तथा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह कार्यवाही ईओ जोन 7 प्रवर्तन अधिकारी पर बना रखी है तथा कार्रवाई नहीं करने दे रहे!
इस कारण वर्तमान में मौके पर रोड निर्माण व आवागमन में भारी परेशानी हो रही है साथ ही सेक्टर 80 फिट रोड का एलाइनमेंट भी सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है तथा p.r.n. में बन रही रोड भी गलत बन रही है इसके गंभीर परिणाम जेडीए व आमजन को भविष्य में भुगतने पड़ेंगे इनकी लापरवाही की सजा हजारों की संख्या में निवास कर रहे यहां के आमजन भुगत रहे हैं रोज लड़ाई झगड़े दुर्घटनाएं हो रही है आमजन द्वारा सीएमओ राजस्थान सरकार को भी लिख चुके हैं लोकायुक्त जी से भी इनके पास लिखित में पत्र पहुंचा चुके हैं फिर भी नियमानुसार कार्यवाही प्रवर्तन शाखा द्वारा नहीं की जा रही है! तथा सेक्टर रोड का बहाना बनाया जा रहा है यह सब भू माफियाओं को संरक्षण देने की नियत से ही किया जा रहा है!