नई दिल्ली- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मिती) ने केंद्रीकृत डिजिटल पहचान का एक नया मॉडल प्रस्तावित किया है, जिसके तहत एक नागरिक के पैन कार्ड और आधार कार्ड से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट तक जैसे विभिन्न डिजिटल पहचान पत्रों को एक-दूसरे जोड़ा जा सकता है, उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है और केवल एक आईडी के माध्यम से उन्हें हासिल किया जा सकता है।
प्रस्तावित मसौदे में मंत्रालय सुझाव दिया है कि यह एकीकृत डिजिटल पहचान नागरिक को इन पहचानों पत्रों को नियंत्रण में रखकर सशक्त बनाएगी और उन्हें यह चुनने का विकल्प प्रदान करेगी कि किस उद्देश्य के लिए किसका उपयोग करना है। प्रस्ताव के जल्द ही सार्वजनिक होने की उम्मीद है और मंत्रालय 27 फरवरी तक लोगों की प्रतिक्रियाएं मांगेगा।
इस एकीकृत डिजिटल पहचान के तहत केंद्रीय के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के पहचानों को भी एक साथ रखा जा सकेगा। इसके साथ ही ईकेवाईसी के माध्यम से इस डिजिटल आईडी का उपयोग अन्य थर्ड पार्टी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
इसके अलावा, एक नागरिक की सभी डिजिटल पहचान को एक दूसरे के साथ जोड़ा जा सकता है, जो मसौदा प्रस्ताव के अनुसार बार-बार सत्यापन प्रक्रिया की आवश्यकता को समाप्त कर देगा।