(जे पी शर्मा) जयपुर- केवल भोजन, सलाद, फल खाकर और औषधियुक्त हवन सामग्री से नियमित यज्ञ तथा योग-प्राणायाम कर शूगर, बीपी, दर्द, बुखार जैसे रोगों को मात दी जा सकती है।
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में दस दिवसीय आवासीय कायाकल्प शिविर में आए परिणामों ने इस पर मुहर लगा दी है। शिविर का सोमवार को समापन हुआ।
शिविर के दौरान और पहले तथा आखिरी दिन की गई जांच रिपोर्ट का मिलान किया गया तो आश्चर्यजनक सुखद परिणाम आए। कुल 25 व्यक्तियों के प्रायोगिक शिविर में 70 से 100 फीसदी लाभ हुआ।
शांतिकुंज में राजस्थान के केंद्रीय प्रभारी जय सिंह यादव ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने जीवन जीने केे बहुत से सरल सूत्र दिए है। ये सूत्र प्रकृति के साथ तालमेल बैठाकर जीवन का आनंद लेने से जुड़े है। मगर आज व्यक्ति भोजन स्वाद के लिए खाता है। उसे क्या खाना है, कब खाना है, कितना और क्यों खाना है इसका पता ही नहीं है। इसी कारण शरीर रोग का घर बन गया है। यदि हम शाकाहार, आहार-विहार, योग-प्राणायाम को अपनाए तो पूरी तरह स्वस्थ रह सकते हैं।
शिविर के परिणाम जारी करते हुए उप जोन समन्वयक सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि शूगर के 11 मरीजों का शूगर लेवल सामान्य हो गया। एक व्यक्ति को रोजाना इंसुलिन के इंजेेक्शन लगाने पड़ते थे, इन दस दिनों में एक दिन भी इंजेक्शन की नौबत नहीं आई। कई दशकों को घुटने का दर्द भी गायब हो गया। इस दौरान कई प्रयोग भी किए गए। यदि व्यक्ति प्रतिदिन भोजन में अन्न की मात्रा कम कर दे और फल-सब्जी, सलाद ग्रहण करें तो शूगर सामान्य हो सकती है। गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि शिविर के दौरान बहुत अच्छे परिणाम आए है। ऐसे शिविर पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने आभार प्रकट किया।