जयपुर-जयपुर जिले के आयुर्वेद चिकित्साधिकारी सकराय माता एवं शाकम्भरी वह लोहार्गल क्षेत्र के वनोषधि परिचय हेतु भ्रमण पर आये।
इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डाॅ सुशील दत्त शर्मा, आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक सीकर जिला डाॅ. सुरेश कुमार शर्मा, पूर्व उप निदेशक आयुर्वेद विभाग झुन्झुनूं डाॅ चन्द्रकान्त गौतम चिराणा, डाॅ.शम्भु लाल शर्मा वनोषधि विशेषज्ञ, डाॅ. मदनलाल शर्मा, सहायक उप निदेशक जयपुर अ क्षेत्र, डाॅ.पुरूषोंतम शर्मा, सहायक उप निदेशक जयपुर ब क्षेत्र, डाॅ. गोपेश हारित, डाॅ.रवीन्द्र गौतम,डाॅ. योगराज शर्मा, डाॅ.महेश चन्द्र शर्मा, डाॅ.मृणाल शर्मा आदि अनेक आयुर्वेद चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सकराय माता जी शाकम्भरी के महन्त श्री दयानाथ जी महाराज ने शेखावाटी क्षेत्र के प्रसिद्ध वैद्यराज पंडित रामप्रताप जी शर्मा साहब चिराणा का स्मरण कर शेखावाटी अंचल में उनके द्वारा की गई आयुर्वेद चिकित्सा एवं संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में किये गये अतुलनीय योगदान के विषय में युवा पीढ़ी के चिकित्सको को जानकारी प्रदान की।
श्रद्धेय वैद्यराज पंडित रामप्रताप जी शर्मा साहब के पीडीत मानवता की अहर्निश निशुल्क सेवा और आज भी उनका परिवार आयुर्वेद चिकित्सा सेवा में संलग्न है।
लोहार्गल क्षेत्र में आम्र, स्नुही, जामुन, वासा, शर्पूखा,गुञ्जा, वृहती, विधारा, कृष्ण धतूर, पारीजात, सहदेवी, अमृता, अर्जुन, गुग्गुल, धव, सालर, सहजना, गुलर, खजूर, अमलतास, हंसराज, मयूर शिखा, पुनर्नवा, अपराजिता इत्यादि वनोषधियो का दर्शन- परिचय हुआ।
इस अवसर पर लोहार्गल क्षेत्र के प्रसिद्ध संत चेतन दास जी महाराज के द्वारा निर्मित प्राचीन जल संरक्षण श्रोत चेतन दास जी की बावडी का भी अवलोकन किया।
प्रशासकीय से सुगमता की दृष्टि से आयुर्वेद विभाग में जयपुर जिले को दो भागो में विभक्त कर रखा है।
इस दृष्टि से जयपुर अ क्षेत्र जयपुर ब क्षेत्र से चालीस चालीस चिकित्साधिकारीयो की टीम वनोषधि परिचय यात्रा में चयन कर शामिल की गई है।