बिजयनगर:(अनील सैन)
एक मशहूर गीत ‘अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ए दिल जमाने के लिए’ यह गीत युवा समाजसेवी सुनील कावड़िया पर फिट बैठता है। वह गरीब बच्चों को कापी, कलम और पेंसिल तक देते हैं। इतना ही नहीं कावड़िया पिछले लंबे समय से जरूरतमंद लोगों का निशुल्क नेत्र ऑपरेशन करवा कर मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। कावड़िया अब तक लगभग 290 से ज्यादा निशुल्क नेत्र ऑपरेशन करवा कर एक नजीर बन गए हैं।
वही सर्दी में संपन्न परिवार के लोगों की हालत खराब है, तो ऐसे में सड़कों पर और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों की और उनके बच्चों की क्या हालत होगी इसी दर्द को समझते हुए भामाशाह सुनील कावड़िया ने गरीबों में स्वेटर, जैकेट बांटने का जो काम किया है। वह सराहनीय कदम है।
कावड़िया ने कहा कि हम लोग अपने पूर्वजों से गरीब, असहाय लोगों की सहायता करना सीखे हैं। हमेशा यही प्रयास रहता है कि जरूरतमंद,गरीब लोग दरवाजे से खाली हाथ न लौटे।
तहलका डॉट न्यूज