November 24, 2024
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जोधपुर- राजस्थान में दस लाख पट्टा वितरण के लक्ष्य के साथ 2 अक्टूबर से शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जोधपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के किसी भी शहर और कस्बे में मास्टर डवलपमेंट प्लान के तहत अधिसूचित जोनल डवलपमेंट प्लान और सेक्टर प्लान के विपरीत राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक भूमि, कृषि भूमि या अन्य तरह की भूमि पर अवैध निर्माण या कब्जे के नियमन पर रोक लगा दी है।वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता रोशन व्यास द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की पत्र याचिका में दिए गए दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर 20 सितंबर और उसके बाद जारी आदेशों का उल्लेख करते हुए कोर्ट ने कहा कि जिन कस्बों और शहरों के जोनल डवलपमेंट प्लान तथा सेक्टर प्लान विधिवत अनुमोदित नहीं है, वहां किसी तरह के व्यक्तिगत निर्माण या अनाधिकृत रूप से विकसित कॉलोनी के नियमितिकरण के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की जाए।

खंडपीठ ने 20 सितंबर तथा उसके बाद जारी उन आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है! जिनमें सडक़ की चौड़ाई, अपेक्षित सुविधा क्षेत्र, ओपन एरिया या सेट-बैक की बाध्यता में शिथिलता दी गई थी। कोर्ट ने सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि गुलाब कोठारी की पत्र याचिका पर 20 जनरवरी, 2017 तथा 15 दिसंबर, 2018 के आदेशों की अवहेलना में किसी तरह के अवैध निर्माण या कब्जे का नियमन नहीं किया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी कस्बे या शहर में कोर्ट के पूर्ववर्ती आदेशों की अवहेलना में कोई नियमन किया गया तो उसे गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण को भी पक्षकार बनाते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं। अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।

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